Bihar News: बुर्का पहन कर आने वाली छात्राओं की एंट्री पर लगाई रोक, 80 लोगों ने स्कूल आकर किया हंगामा, हेडमास्टर को दी जान से मारने की धमकी
Sheikhpura News: अभिभावकों का कहना है कि यह उनका धार्मिक मामला है और बच्चियों को बुर्का पहन कर आने से स्कूल रोक नहीं सकता. वहीं, हेडमास्टर का ने कहा कि धार्मिक कट्टरता में लड़कियों का विकास नहीं होगा.
Sheikhpura News: बिहार के शेखपुरा जिले के शेखोपुरसराय नगर पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय चारूआवां में बुर्का पहनने वाली छात्राओं पर प्रतिबंध लगाया गया. कुछ छात्राओं को एचएम सत्येंद्र चौधरी ने बुर्का न पहन कर आने की हिदायत दी. इस बात पर छात्राओं ने अपने परिजनों से शिकायत की. शिकायत के बाद अभिभावक उग्र हो गए और अन्य ग्रामीणों के साथ विद्यालय आकर प्रधानाध्यापक को खरी खोटी सुनाई. साथ ही कहा कि बुर्का पहहनन उनकी धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा है और स्कूल आने से ऐसी छात्राएं को कोई नहीं रोक सकता.
इस पर स्कूल के एचएम का कहना है कि छात्राएं प्रगति के दौर में हैं और हर सेक्टर में उपलब्धि हासिल कर रही हैं. ऐसे में उन्हें धार्मिक कट्टरता में रखने से उनका संपूर्ण विकास नहीं हो सकता. स्कूल आने वाले सभी बच्चे उसके छात्र-छात्राएं हैं. उनमें किसी तरह का धार्मिक भेदभाव नहीं किया जाता है लेकिन बुर्का पहन कर स्कूल आने की अनुमति नहीं है.
नियमों के खिलाफ जाकर शिक्षा सेवक की नियुक्ति का आरोप
एचएम की यह बात सुनकर अभिभावक उग्र हो गए और बात गाली-गलौज तक आ गई. इतना ही नहीं, एचएम को जान से मारने की धमकी तक दी गई. इस घटना के बाद एचएम ने डीएम और डीईओ को आवेदन देकर जान की सुरक्षा की गुहार लगाई है. वहीं, शिक्षकों और ग्रामीणों से बात की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. स्थानीय लोगों की मानें तो इस विद्यालय में वर्षों से बच्चे पढ़ते आ रहे हैं, लेकिन इस तरह का धार्मिक विवाद कभी देखने को नहीं मिला. दो महीने पहले इस विद्यालय में शिक्षा सेवक की बहाली निकली थी जिसमें महादलित समाज से एक शिक्षा सेवक नियुक्त किया जाना था. लेकिन गांव के ही कुछ राजनीतिक लोगों को भड़का कर स्कूल प्रिंसिपल पर तालीमी मरकज शिक्षा सेवक की बहाली करने का दबाव बनाने लगे, जो नियम के विरुद्ध था.
उनकी मंशा थी कि तालीमी मरकज के जरिये उनकी बेटी की बहाली हो जाए. विवाद के बाद यहां शिक्षा सेवक की बहाली रद्द हो गई जिससे उनके मंसूबों पर पूरी तरह पानी फिर गया. इसके बाद से वह धार्मिक भावनाएं भड़का कर ग्रामीणों के जरिये स्कूल में हंगामे की स्थिति पैदा करवा देते हैं. गौरतलब है कि इस स्कूल में मुस्लिम छात्र-छात्राओं की संख्या काफी तादाद में है.
एचएम का आरोप- हर बार आकर धमकी देते हैं अभिवभावक
एचएम सत्येंद्र कुमार चौधरी के आरोप के अनुसार सरकारी योजना के तहत सभी बच्चों को स्कूली ड्रेस के लिए एक सामान पैसे मिलते हैं. मुस्लिम छात्राएं स्कूल ड्रेस की जगह बुर्का पहनकर आती हैं बिहार सरकार के निर्देश के विरुद्ध है. गांव के मुस्लिम समुदाय ने इसे अपने मजहब और दीन से जुड़ा मामला बताते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों पर जरूरत ज्यादा तूल देने का आरोप जड़ा है. वहीं, गांव के पूर्व मुखिया और ग्रामीण मो.असलम ने विवाद बढ़ने के हालात में स्कूल में ताला लगाने की चेतावनी दी है. मामले को बढ़ता देख जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर शनिवार को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रमेश प्रसाद चरुआवां स्कूल पहुंचे और स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीण और विद्यालय के शिक्षकों के साथ बैठक की लेकिन किसी प्रकार का निष्कर्ष नहीं निकला. इसलिए अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा.
एचएम सत्येंद्र कुमार चौधरी ने शेखपुरा जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला अधिकारी को चिट्ठी लिखकर जान की सुरक्षा और सरकारी व्यवस्था को सख्ती से लागू करने की मांग की है. एचएम ने बताया कि जब-जब छात्राओं को विद्यालय में बुर्का और हिजाब की जगह स्कूल ड्रेस पहन कर आने के लिए कहा जाता है, तब-तब उनके अभिभावक आकर धमकी देते हैं. 6 अक्टूबर को भी मैंने कुछ छात्राओं को बुर्का पहन कर आने से मना किया था.
70-80 लोगों ने स्कूल में आकर किया हंगामा
तभी कई अभिभावक और ग्रामीण यहां पहुंचे और कहा कि यह हमारा धार्मिक मामला है. इसे हम लोग नहीं छोड़ेंगे और उन्होंने दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसको लेकर मैंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर दिशा निर्देश की मांग की थी, जो अब तक नहीं मिला. पूजा की छुट्टी के बाद 29 नवंबर को पुनः बुर्का और हिजाब को लेकर कहे जाने पर 70-80 की संख्या में ग्रामीणों ने विद्यालय में आकर हंगामा करना शुरू कर दिया और अभद्र व्यवहार करते हुए गाली गलौज की. कुछ ग्रामीणों के द्वारा जान मारने की भी धमकी दी गई.
इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिला प्रशासन को दी गई. उन्होंने कहा कि टोला सेवक की बहाली के दौरान भी यह लोग नियम के विरुद्ध तालीमी मरकज की बहाली की मांग कर रहे थे. इन लोगों के द्वारा विरोध किए जाने की वजह से आज तक ना टोला सेवक की बहाली हुई और ना ही कमेटी का गठन किया गया है.
बीईओ ने की मामला संभालने की कोशिश
चारूआवां में प्रिंसिपल और ग्रामीणों के बीच उत्पन्न विवाद का मामला संज्ञान में आने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ओम प्रकाश सिंह के निर्देश पर बीईओ रमेश प्रसाद ने ग्रामीणों और विद्यालय के शिक्षकों के बीच बैठक कर मामला शांत कराया. इस संबंध में बीईओ रमेश प्रसाद ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर विद्यालय पहुंच कर ग्रामीणों को बुलाया और प्रधान अध्यापक के साथ बैठक की.
इस दौरान दोनों पक्ष को समझाया बुझाया गया और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार ही विद्यालय में ड्रेस पहनकर आने की अपील किया गया है. इस पर ग्रामीणों ने भी सहयोग करने का आश्वासन दिया. ग्रामीणों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न हो तो आप लोग अभिभावक गोष्ठी में अपनी समस्या रखें ताकि उसका निदान किया जा सके.
रणजीत सम्राट की रिपोर्ट
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