Prohibition Law Review Meet: केंद्रीय टीम ने रिकवर की शराब तो SHO होंगे निलंबित, जानें- शराबबंदी कानून पर हुई समीक्षा बैठक से जुड़ी अहम बातें
थानाध्यक्ष के शराब तस्करी में शामिल होने की शिकायत आने पर और दोष सिद्ध होने पर उन्हें 10 साल तक थानेदारी से वंचित किया जाएगा. वहीं, डायरेक्ट इंवॉलमेंट पर वे सेवा से बर्खास्त कर दिए जाएंगे.
पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor ban in Bihar) पर की गई समीक्षा बैठक संपन्न हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में लगभग सात घंटे चली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. शराबबंदी कानून को रिव्यु करने की मांग के बीच की गई इस बैठक में कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिससे कानून को सख्ती से लागू करने में मदद मिलेगी. बैठक के बाद गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद (Chaitanya Prasad) और डीजीपी एसके सिंघल (SK Singhal) ने बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने निम्न बातें बताईं -
- शराब मामले में सरकारी कर्मी की संलिप्तता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया. उनको बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा. खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जाएगा. खुफिया व्यवस्था और चुस्त दुरुस्त किया जाएगा.
- अगर बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट में तस्करी हो रही है, तो वो क्यों हो रही है, इसका पता लगाना होगा. अगर केंद्रीय टीम द्वारा उन जिलों में शराब बरामद की जाती है, तो स्थानीय स्तर के पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी. एसएचओ को निलंबित किया जाएगा.
- कॉल सेंटर की एफिशिएंसी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. कॉल सेंटर पर जब भी नहीं शिकायत आती है, तो उसका तुरंत निष्पादन करना होगा. वादी की पहचान जाहिर नहीं करनी है. ताकि कोई भी बेफिक्र शिकायत कर सके.
- डेडिकेटेड ऑफिसर की पोस्टिंग करनी है. सारे प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि वो मैसेज स्प्रेड करें. प्रभारी अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वो अपने जिले में जाएं और अन्य अपराध के साथ-साथ शराबबंदी को लेकर क्या कार्रवाई हुई है, उसकी भी समीक्षा करें.
- प्रचार प्रसार पर विशेष बल दिया जाएगा. झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल से जो शराब आ रहे हैं, उसे कैसे रोका जाए उसपर कार्रवाई करनी है.
- मुख्यालय स्तर से जितने भी पुलिस पदाधिकारी हैं, उनको भी निर्देश दिया गया है कि वो एक्टिव रहें और समीक्षा करें कि क्या काम हो रहा है.
- शहरों में होम डिलीवरी पर ध्यान रखना है. लोकेट करना है कि किस घर में शराब अधिक रखा गया है. कहां पर ज्यादा यूज हो रहा है. इसके बाद अभियान चला कर रेड करना है और दोषियों पर कार्रवाई करनी है.
- थानाध्यक्ष के शराब तस्करी में शामिल होने की शिकायत आने पर और दोष सिद्ध होने पर उन्हें 10 साल तक थानेदारी से वंचित किया जाएगा. वहीं, डायरेक्ट इंवॉलमेंट पर वे सेवा से बर्खास्त कर दिए जाएंगे. चौकीदार की जिम्मेवारी होगी कि गांव में हर गलत काम पर देंगे सूचना.
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