Shravani Mela 2022: सुल्तानगंज आने से पहले जान लें क्या है तैयारी, कोरोना को लेकर विशेष इंतजाम, मनोरंजन की भी व्यवस्था
Deoghar Sultanganj Shravani Mela: कांवरिया पथ पर चलने में परेशानी न हो इसके लिए लाल बालू की जगह सफेद बालू का प्रयोग किया गया है. चिकित्सा केंद्र भी बनाए गए हैं.
भागलपुरः विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला (Shravani Mela) कल 14 जुलाई से शुरू हो जाएगा. प्रशासनिक स्तर पर तैयारी भी पूरी हो चुकी है. देवघर जाने से पहले शिव भक्त सुल्तानगंज आते हैं जल के लिए. अगर आप भी इस बार आ रहे हैं तो जान लें कि क्या कुछ तैयारी की गई है. कहां आपको सुविधा मिलेगी और क्या क्या व्यवस्था की गई है. वहीं दूसरी ओर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) को देखते हुए अलग-अलग बेड की भी व्यवस्था की गई है.
सुरक्षा के रहेंगे पुख्ता इंतजाम
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, डीआईजी विवेकानंद, एसडीओ धनंजय कुमार के अलावा दर्जनों पदाधिकारी लगे हैं. सुल्तानगंज में आठ नियंत्रण कक्ष, छह अस्थाई सहायक थाने भी बनाए गए हैं. 120 सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी.
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जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि इस बार श्रावणी मेला काफी शांतिपूर्ण तरीके से और व्यवस्थित तरीके से होने जा रहा है. जल्द ही टोल फ्री नंबर भी दिया जाएगा. किसी भी तरह की परेशानी होगी तो उसे डायल किया जा सकता है. एसएसपी बाबूराम ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर हर चौक और कांवरिया पथ पर महिला एवं पुरुष पुलिस की तैनाती की गई है. अतिरिक्त बल को बुलाकर भी सेवा ली जाएगी. 112 नंबर पर कॉल करके भी परेशानियों को बताया जा सकता है.
नहाने, शौचालय सबकी हो गई तैयारी
सुल्तानगंज आ रहे हैं तो आपको कई जगहों पर ठहरने की सुविधा मिल जाएगी. पानी की व्यवस्था, शौचालय, बिजली, दवाई, गरम पानी की व्यवस्था हो रही है. पीएचईडी की ओर से 242 चापाकल और 520 शौचालय की व्यवस्था की गई है. 25 जगहों पर झरना और एक म्यूजिक फाउंटेन की भी व्यवस्था की गई है. 11 प्यायू, पानी टैंकर और एक एंबुलेंस की व्यवस्था है. कच्चे पथ पर कांवरियों को चलने में परेशानी न हो इसके लिए लाल बालू की जगह सफेद बालू का प्रयोग किया गया है. कोरोना को देखते हुए अलग-अलग बेड की सुविधा है.
बता दें कि दो साल बाद श्रावणी मेले का आयोजन हो रहा है. ऐसे में इस बार कांवरियों की भीड़ ज्यादा उमड़ेगी. इसको देखते हुए प्रशासन की ओर से अजगैबीनाथ गंगा घाट, नमामि गंगे परियोजना के तहत बने गंगा घाट में बैरिकेडिंग की गई है. सुल्तानगंज से लेकर देवघर की दूरी करीब 105 किलोमीटर है. ऐसे में जितने भी चापाकल खराब पड़े थे उसकी मरम्मत कराई गई है. कई जगह बोरिंग भी कराई गई है ताकि कांवरियों को परेशानी न हो.
11 जगह बनाए गए निशुल्क चिकित्सा केंद्र
कांवरियों को चलने के दौरान पैर में छाले पड़ जाते हैं उसके लिए गरम पानी, दवा और पट्टी की व्यवस्था की गई है. सिविल सर्जन उमेश शर्मा ने कहा कि कांवरियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए कई जगह चिकित्सा शिविर लगाया जा रहा है. कांवरियों को निशुल्क सेवा दी जाएगी. व्हीलचेयर, दवा, पट्टी, मरहम, डिटॉल, सैनिटाइजर, मास्क और कई अन्य बीमारियों की दवाइयां हैं. शिविर में चिकित्सक और नर्स की व्यवस्था की गई है. शिविर में बीपी और डायबिटीज की जांच भी हो सकेगी. एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी. स्वास्थ्य विभाग ने 11 जगहों पर अस्थाई स्वास्थ्य शिविर लगाया है. रेफरल अस्पताल में एक 10 बेड का आइसोलेशन और इमरजेंसी वार्ड भी बनाया है.
हर धर्मशाला में जागरण और भजन कार्यक्रम
सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए इस बार दस लाख रुपये जिले को मिला है. एक महीने तक लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. हर ठहरने वाली जगह पर जिला प्रशासन द्वारा मनोरंजन के लिए जागरण, भजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जिला प्रशासन के लोग इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. प्रशासनिक तौर पर भी कई धर्मशाला एवं ठहरने वाली जगहों पर लोगों की थकान को मिटाने के लिए कई राज्यों से आए कलाकार के साथ-साथ स्थानीय कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देते हैं. जितने भी कांवरिया थके होते हैं वह भक्ति में लीन होकर अपने थकान को भूल जाते हैं.
(भागलपुर से निभाष मोदी की रिपोर्ट)
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