जहानाबाद: हुलासगंज स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के मठाधीश श्री रंग रामानुजाचार्य जी महाराज का शव शुक्रवार को जहानाबाद लाया गया. जैसे ही उनका पार्थीव शरीर मठ पहुंचा उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. उनकी लोकप्रियता और प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शव यात्रा में पूरे मगध क्षेत्र से हजारों लोग शामिल हुए.
गुरुवार को पटना के कंकड़बाग स्थिति एक निजी अस्पताल में श्री रंग रामानुजाचार्य जी महाराज का निधन हो गया था. पिछले कई दिनों से बीमार थे. इसको लेकर उनका इलाज चल रहा था. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. वहीं, श्री रंग रामानुजाचार्य जी महाराज के निधन की खबर से उनके शिष्यों में शोक की लहर है.
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शिष्य परंपरा में सभी वर्ग के लोगों को किया शामिल
श्री रंग रामानुजाचार्य जी महाराज ने गुरु शिष्य परंपरा में सभी वर्ग के लोगों को शामिल करने का प्रयास किया, चाहे कोई भी जाति का व्यक्ति क्यों न हो, अगर वह वैष्णव धर्म में आस्था रखता था तो उन्होंने उसे अपने शिष्य के रूप में स्वीकार किया. यही कारण है कि हुलासगंज स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की ख्याति सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निरंतर बढ़ती गई.
हजारों युवाओं ने मांस मदिरा का किया त्याग
इस बाबत शिक्षाविद और जहानाबाद के एसएन सिन्हा कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे प्रो. सतेन्द्र कुमार ने कहा कि स्वामी जी की ख्याति मगध के इलाके में उनके कार्यों के लिए थी, परंतु उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में संस्कृत कॉलेज की स्थापना और नशामुक्ति अभियान है. उनकी पहल से हजारों ग्राणीण युवाओं ने मांस मदिरा का त्याग कर दिया.
कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में शरीक होते थे हजारों लोग
बता दें कि हुलासगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में जब भी पूजा होती थी तो लोगों की भीड़ लगती थी. कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में भी काफी संख्या में आसपास और दूर के भक्त शरीक होते थे. इस दौरान लक्ष्मी नारायण मंदिर की रौनक देखने लायक होती थी.