बिहारः ‘हल्फा मचा के गइल’ के गायक अजय पांडेय की कोरोना से मौत, नहीं मिला वेंटिलेटर व ऑक्सीजन
45 वर्षीय अजय पांडेय दरिहट थाना क्षेत्र के दरिहट गांव के रहने वाले थे. वो वर्तमान में डेहरी के सुभाष नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे.पिछले पांच दिनों से वो बीमार थे. शनिवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. इधर, घटना के बाद से भोजपुरी जगत में शोक की लहर है.
रोहतासः ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. बढ़ते आंकड़ों ने लोगों को डरने पर अब मजबूर कर दिया है. शनिवार की शाम सासाराम सदर अस्पताल में भोजपुरी गायक अजय पांडेय की कोरोना से मौत हो गई. वे चर्चित गायकों में से थे. उन्होंने एक से एक हिट गाने गाए जिनमें हल्फा मचा के गइल भी एक था.
वर्ष 2000 में आया यह गाना भोजपुरी भाषी के लोगों की जुबां पर रहता था. इधर, घटना के बाद से भोजपुरी जगत में शोक की लहर है. 45 वर्षीय अजय पांडेय दरिहट थाना क्षेत्र के दरिहट गांव के रहने वाले थे. वो वर्तमान में डेहरी के सुभाष नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनकी मौत के बाद से घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. पिछले पांच दिनों से वो बीमार थे. शनिवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली.
सदर अस्पताल में जो वेंटिलेटर लगा वो आजतक नहीं चला
मृतक के बेटे का आरोप है कि सासाराम सदर अस्पताल में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के अभाव में उनकी मौत हुई है. इस संबंध में जब सिविल सर्जन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे कुर्सी छोड़कर चले गए. बता दें कि जब से सासाराम सदर अस्पताल में वेंटिलेटर लगा है तब से आज तक वह चला ही नहीं है. उसका कारण है कि कोई ऑपरेटर आज तक बहाल नहीं हुआ है जिसके कारण वह शोभा की वस्तु बनकर रह गया है.
वहीं, एक दूसरी मौत के मामले में मृतक की बेटी ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना से मौत नहीं बल्कि इन लोगों की लापरवाही के कारण लोग मर रहे हैं. जो भी मरीज ऑक्सीजन पर हैं शाम होते ही पावर ऑफ कर दिया जाता है. ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी जाती है. पीड़िता ने कहा कि यहां कोई सुनने वाला नहीं है और ना ही कोई देखने वाला है.
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