सिवान: जिले के मंडल कारा में बंद कैदी की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गई. उसे 13 जुलाई को शराब पीने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इधर, परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन की पिटाई के कारण उसकी मौत हुई है, क्योंकि मृतक के शरीर पर काले निशान मिले हैं, जिससे यह प्रतित हो रहा है कि उसके साथ मारपीट की गई है. हालांकि, जेल प्रशासन ने इन सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज दिया है. बताया जा रहा है कि मंगलवार को जुर्माना देकर उसे जमानत मिल जाती.
बताया जा रहा है कि जीबी नगर थाना क्षेत्र के सोनबरसा गूलर बग्गा गांव निवासी 40 वर्षीय बाल्मीकि यादव दूसरी बार शराब पीने के मामले में जेल गया था. परिजनों को जब इसकी सूचना मिली तो भागे-भागे सदर अस्पताल पहुंचे, जहां चीख-पुकार मच गई. परिजनों का कहना है कि 13 जुलाई को गिरफ्तारी हुई थी और 14 जुलाई को जेल भेजा गया. हमलोग उसके अगले दिन 15 जुलाई को मिलने गए तो जेल प्रशासन ने बाल्मीकि से हमारी मुलाकात नहीं कराई. तब बोला गया कि वह मिलना नहीं चाहता है और ठीक दो रोज बाद सूचना दी गई कि जल्दी आइए. हमलोग जब तक पहुंचते तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था.
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बाल्मीकि की मां ने रोते हुए लगाए आरोप
परिजनों ने सीधे-सीधे जेल प्रशासन पर पिटाई करने का आरोप लगाया है. बाल्मीकि यादव की मां शैल कुमारी ने रोते हुए आरोप लगाया कि जेल की पुलिस ने मेरे बेटे की पीट-पीट कर हत्या दी. बता दें कि मृतक बाल्मीकि यादव के शरीर पर काले निशान हैं, जिसे देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये निशान पिटाई के ही हैं. हालांकि, इस पूरे मामले पर सिवान जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने कहा कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप को गलत बताया है.
जेल अधीक्षक ने दी सफाई
जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने कहा कि वो बहुत पहले से नशा करता था. इस तरह के लोगों को बीमारी होती है, जो कि अचानक अटैक करता है और उस वक्त वो अपने आप को कुछ भी कर लेते हैं. कुछ इसी तरह का अटैक बाल्मीकि को भी आया था, जिसके कारण वह खुद को ही क्षति पहुचाने लगा और जेल के भीतर बेड पटकने लगा. इसके बाद इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई.
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