सिवान: वैसे तो पूरे देश के लोग सिवान के पूर्व सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन (Mohammad Shahabuddin) को डॉन और बाहुबली ही कहते थे, लेकिन वो ऐसे व्यक्ति भी थे जो गरीबों पर अत्याचार नहीं होने देते थे. गरीबों पर अत्याचार करने वालों से वो बचाते थे. साथ ही न्याय के लिए लोग उनके दरबार में भी पहुंचते थे. इसी साल शहाबुद्दीन की मौत हो हुई है. हाल ही में उनकी बेटी हेरा शहाब (Hera Shahab) की शाही अंदाज में शादी हुई जिसके बाद अब एक बार फिर से शहाबुद्दीन की चर्चा होने लगी है. बेटे ओसामा की भी इसी साल शाद हुई है.
शहाबुद्दीन का लगता था अपना दरबार
गांव के पुराने लोग बताते हैं कि एक समय था जब सिवान में मो. शहाबुद्दीन का सिक्का चलता था. अगर कोई दबंग व्यक्ति किसी गरीब को सताता था या उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहता था तो मो. शहाबुद्दीन दबंगों से डॉन की तरह पेश आते थे और गरीबों के साथ न्याय दिलवाने का काम करते थे. मो. शहाबुद्दीन व्हाइट हाउस (White House) में दरबार लगाते थे. उस दरबार में बड़े-बड़े वीआईपी के साथ जिले के गरीब सताए हुए लोग भी पहुंचते थे.
कहा जाता है कि लोगों को यह विश्वास रहता था कि शहाबुद्दीन के पास अगर वो जाएंगे तो फिर उन्हें कोर्ट और कचहरी नहीं दौड़ना पड़ेगा. मामला वहीं सुलझ जाएगा. ठीक वही होता भी था. लोग कई ऐसे किस्से भी बताते हैं और कहते हैं कि शहाबुद्दीन पारदर्शिता के साथ न्याय करते थे.
आज भी लोगों को याद आते शहाबुद्दीन
वहीं, मो. शहाबुद्दीन के सिवान के गांव प्रतापपुर के कुछ लोगों की मानें तो आज जिले में जितने मामले थाने या न्यायालय में लंबित हैं, अगर आज के समय में शहाबुद्दीन जिंदा होते तो शायद इतने मामले पेंडिंग नहीं होते. शहाबुद्दीन अपने दरबार में सभी मामलों को सुलझा देते. आज यही कारण है कि लोगों को एक बार फिर से मो. शहाबुद्दीन की याद आने लगी है. उनके जाने के बाद बेटी की शादी से एक बार फिर से शहाबुद्दीन को लेकर लोगों में बातचीत शुरू है.