Bihar News: उत्तर प्रदेश के आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी आपने जरूर देखी और सुनी होगी. ठीक आरिफ और सारस की दोस्ती की तरह ही सिवान (Siwan) के शाहबाज और कबूतर की दोस्ती इन दिनों काफी चर्चा में है. शाहबाज और कबूतर की दोस्ती देखकर हर कोई हैरत में है, जो कोई भी कबूतर और इंसान के बीच की दोस्ती को देख रहा है, वो अचरज में पड़ जा रहा है. शाहबाज के साथ उनका कबूतर साये की तरह साथ रहता है.
शाहबाज बिहार के सिवान जिला के चांदपाली गांव के निवासी हैं. शाहबाज के कबूतर का नाम संजू है, जो अभी साढ़े 5 वर्ष का है. कबूतर और शाहबाज के बीच की दोस्ती गांव समेत सिवान में चर्चा का विषय बना हुआ है. शाहबाज ने बताया कि इस कबूतर वो करीब 5 वर्ष पहले, जब वो बिल्कुल छोटा था, तब लाया था. शाहबाज ने इसका नाम संजू रखा और करीब 5 सालों से वो इस कबूतर की देख रेख कर रहा है.
शाहबाज और कबूतर की बेमिसाल दोस्ती
दोनों के बीच बॉन्डिंग इतनी मजबूत है कि लोग दोनों को कौतूहल भरी नजरों से देखते हैं. कबूतर शाहबाज की हर एक बात, हर एक इशारा समझता है. शाहबाज जहां जाता है कबूतर उसके साथ ही जाता है. शाहबाज ने बताया कि जब वो बाइक से गांव की सड़कों पर जाता है तो कबूतर उसके पीछे पीछे बाइक के साथ उड़ते हुए जाता है. ये कबूतर कभी शाहबाज की हाथ पर तो कभी उसके कंधे पर बैठ जाता है.
हर एक इशारा समझता है कबूतर
शाहबाज ने बताया कि ये कबूतर गिरबाज प्रजाति का है. कबूतर को वो भीगा हुआ चना खिलाते हैं. शाहबाज ने कबूतर को पूरी तरह से ट्रेंड कर दिया है. कबूतर को वो उस वक्त से ट्रेनिंग दे रहे हैं, जब ये काफी छोटा था. कबूतर उसकी हर एक इशारा समझता है. उसने बताया कि ये बेजुबान पक्षी भीले ही इंसान की तरह नहीं बोल पाता है, लेकिन उसकी हर एक बात और इशारे को समझता है और उसे फॉलो करता है. शाहबाज ने बताया कि उसके ऊपर घर की जिम्मेदारी है जिसके चलते उसे मजदूरी करनी पड़ती है. दिन भर मजदूरी करने के बाद जब वो शाम में घर आता है तब वो कबूतर के साथ बाइक से रेस लगाते हुए उसे घुमाने ले जाता है.
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