गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में महिला प्रताड़ना के मामलों में लापरवाही बरतने पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने छह थानाध्यक्षों पर सख्ती से कार्रवाई करते हुए वेतन रोकने का आदेश दिया है. यह कार्रवाई गोपालगंज जिले के नगर थानाध्यक्ष, कुचायकोट, फुलवरिया, उचकागांव, मांझा व हथुआ के थानाध्यक्ष पर की गयी है. कार्रवाई का आदेश जारी करने के बाद न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट किया है. 


लापरवाही-1: अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं


महिला प्रताड़ना के मामले में न्यायालय ने पाया कि पुलिस केस की सुस्ती से जांच कर रही है. कार्रवाई भी आईओ और थानेदार द्वारा नहीं किया जा रहा है. ऐसे में पीड़ित महिलाओं को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा और अभियुक्त पुलिस से भयमुक्त होकर घूम रहे हैं. न्यायालय ने इसे घोर लापरवाही माना है.


लापरवाही-2: खोरिस की राशि नहीं मिलना 


महिला प्रताड़ना के मामले में दूसरी सबसे बड़ी लापरवाही पुलिस की वजह से खोरिस (जीवन भत्ता) का लाभ नहीं मिलना है. कोर्ट ने जिन अभियुक्तों को खोरिस का लाभ देने के लिए आदेश जारी किया, लेकिन अभियुक्तों ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया. जिसके बाद गिरफ्तारी का आदेश हुआ, लेकिन पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी.


पीड़िताओं ने लगायी है गुहार


महिला प्रताड़ना के मामले में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी. पुलिस की कार्यशैली से नाराज महिलाओं ने कुटुम्ब न्यायालय में अर्जी देकर न्याय की गुहार लगायी थी, जिसके बाद न्यायालय ने प्रताड़ना के लंबित मामलों की सुनवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया है. एक सप्ताह के अंदर जवाब नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गयी है.


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