Bihar Politics: 'राजपूत समाज के साथ ऐसा बर्ताव और छलावा क्यों? पवन राठौर की चेतावनी- 'बिहार की राजनीति में...'
Modi Government 3.0: सामाजिक कार्यकर्ता पवन राठौर ने एनडीए में बिहार से राजपूत समाज से एक भी सांसद को मंत्री नहीं बनाए जाने पर निराशा व्यक्त की है. कहा कि इससे राजपूत समाज आहत और आक्रोशित है.
Social Activist Pawan Rathore: पटना में सोमवार (10 जून) को बिहार न्याय मंच के संस्थापक सह सामाजिक कार्यकर्ता पवन राठौर ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई दी है. उन्होंने कहा कि देश को दिनों दिन तरक्की के पथ पर विकसित भारत बनाने के लिए एनडीए सरकार को सफलता मिले यही हम सब की शुभकामनाएं और दिली इच्छा है. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार से किसी राजपूत सांसद को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने की तीखी आलोचना भी की.
'राजपूत समाज की घोर उपेक्षा की गई'
पवन राठौर का कहना है कि राजपूत समाज ने बिहार में सर्वाधिक वोट एनडीए को दिया, जिसका परिणाम है कि एनडीए गठबंधन को अपेक्षित परिणाम भी आया और उसमें राजपूत समाज से सर्वाधिक सांसद भी बने. फिर भी राजपूत समाज की घोर उपेक्षा की गई. जिससे केंद्रीय सरकार में बिहार से राजपूत समाज की हकमारी व हिस्सेदारी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताएं कि बिहार में राजपूत समाज के साथ ऐसा बर्ताव व छलावा क्यों?
राजपूत समाज को नजरअंदाज कर कोई भी दल बिहार की राजनीति में अपनी पैठ बना नहीं सकता है. राजपूत समाज आने वाले वक्त में इसका करारा जबाब देगा, जिससे बिहार की राजनीति में दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार से किसी राजपूत सांसद को मंत्री नहीं बनाकर एनडीए सरकार ने राजपूत समाज का अपमान किया है.
बिहार में राजपूत समाज से सर्वाधिक पांच सांसद
पवन राठौर ने कहा कि बिहार में किसी भी जाति विशेष में राजपूत समाज से सर्वाधिक पांच सांसद हैं फिर भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. इससे राजपूत समाज आहत व आक्रोशित है. आगे पवन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में बिहार से सामाजिक संतुलन का ख्याल नहीं रखा. उन्होंने राजपूत समाज को ही दरकिनार कर दिया. बता दें कि इस बार एनडीए सरकार में बिहार से 8 मंभी बनाए गए हैं, जिनमें अगड़ी और पिछड़ी दोनों जातियों का ख्याल रखा गया है, लेकिन राजपूत समाज से कोई भी मंत्री नहीं बनाए गए हैं. अगड़ी जातियों के मंत्री में भूमिहार और ब्राह्मण जाति के मंत्री शामिल है.
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