मोतिहारीः पूर्वी चंपारण में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद मंगलवार को एक पिता ने अपने पुत्र को हराते हुए मुखिया पद की सीट पर कब्जा जमा लिया. दरअसल, पताही प्रखंड की सरैया गोपाल पंचायत से मुखिया पद के लिए सुरेश प्रसाद सिंह चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें टक्कर देने के लिए और भी लोग खड़े थे लेकिन दिलचस्प बात यह थी कि उनके खिलाफ उनका बड़ा बेटा अंशु भी मैदान में उतर गया. इसलिए जब मंगलवार को रिजल्ट की घोषणा हो रही थी तो सबकी नजर इनपर ही थी कि क्या होता है. जब रिजल्ट आया तो पिता की जीत हुई जबकि बेटे को सिर्फ 149 वोट मिले. इस दौरान कुछ लोग मजाक में यह कहने लगे कि बाप तो बाप ही होता है.
बताया जाता है कि सुरेश प्रसाद सिंह रिटायर्ड शिक्षक हैं. वे दूसरी बार चुनाव जीते हैं. मुखिया पद के लिए उन्हें 1,386 मत प्राप्त हुए हैं तो वहीं दूसरे स्थान पर रहे उमेश प्रसाद सिंह को 1,340 वोट मिला है. जबकि सुरेश प्रसाद सिंह के बेटे अंशु सिंह को मात्र 149 वोट मिला है. कहा जा रहा है कि पंचायत चुनाव के कुछ ही दिन पहले नवनिर्वाचित मुखिया सुरेश प्रसाद सिंह का अपने बड़े बेटे से कुछ मनमुटाव हो गया था. इसी कारण बड़े बेटे अंशु सिंह ने पिता के खिलाफ ही चुनाव में बिगुल फूंक दिया था.
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रिजल्ट आने के पहले तक कई तरह की चर्चा हो रही थी. बाप-बेटे की चुनावी लड़ाई के परिणाम का सबको इंतजार था. मंगलवार को घोषणा होने के बाद सब साफ हो गया. बता दें कि सरैया गोपाल पंचायत में मुखिया पद के लिए कुल सात उम्मीदवार खड़े हुए थे. इनमें उमाशंकर सिंह, उमेश चंद्र सिंह, रामेश्वर ठाकुर, राजेन्द्र साह, संदीप कुमार और हरित आकाश उर्फ अंशु सिंह शामिल थे.