पटना: एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से पत्र लिखकर सीएम नीतीश कुमार को दलित परिवार को लेकर की गई घोषणा के संबंध में उन्हें घेरने के बाद, एक बार फिर एनडीए में शामिल पार्टियों के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. हाल ही में महागठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल होने वाले जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' ने चिराग के पत्र का पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने सोमवार को चिराग पासवान को खुला पत्र लिखा है और उन्हें दलीय हितैषी होने का ढोंग नहीं करने की नसीहत दी है.
प्रदर्शन में करता रह गया इंतजार
दानिश रिजवान ने पत्र में लिखा है, "प्रिय चिराग पासवान जी, आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपका प्रेषित पत्र मीडिया के हवाले से देखा. पढ़कर इस बात की खुशी हुई कि कम से कम बिहार सरकार के फैसले पर ही सही पर आपको दलित, आदिवासी परिवारों की याद तो आई नहीं तो SC/ST एक्ट के प्रदर्शन के समय तो आप कहां सोए थें उसकी जानकारी तो किसी को नहीं. मैं तो 2 अप्रैल, 2018 में हुए उस प्रदर्शन के दौरान डाक बंगला चौराहे के सड़क पर बैठ आपका इंतजार ही करता रह गया था."
लालू-राबड़ी के 15 साल में क्या थी दलितों की स्थिति
उन्होंने लिखा, "चिराग पासवान जी आपने अपने पत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पन्द्रह साल के शासन काल में हुए दलित अत्याचार पर तो सवाल पूछा है पर लालू-राबड़ी के पन्द्रह साल में दलितों की क्या स्थिति थी इसका भी तो आकलन करा लीजिये. किस तरह दलित परिवारों का नरसंहार होता था, दलित माताओं बहनों के बेटियों के साथ बलात्कार की घटना घटती थी."
क्या केवल मीडिया हाउस को ही भेजते हैं पत्र?
उन्होंने लिखा, "वैसे आप कोई भी पत्र मुख्यमंत्री को लिखते हैं तो उसकी कॉपी मीडिया हाउस को भी भेजतें हैं या उन पत्रों को सिर्फ मीडिया हाउस में ही भेजा जाता है. खैर यह आपका विशेषाधिकार है कि आप पत्र किन्हे लिखें और किस पते पर भेजें."
पीएम मोदी ने की है सीएम नीतीश कुमार की तारीफ
दानिश रिजवान ने लिखा, "चिराग आपने अपने पत्र में जिन बातों पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए सरकार पर उंगलियां उठाई हैं, उन तमाम विषयों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. यह अपने आप में आश्चर्यजनक है क्योंकि एक तरफ आपके पिता पीएम मोदी के कैबिनेट में मंत्री हैं और दूसरी तरफ पीएम मोदी जिनके कार्यों की प्रशंसा करतें हैं, आप उनके काम पर सवाल उठा रहें हैं."
माफियाओं की जमात है एलजेपी
उन्होंने लिखा, " आप तो परम ज्ञानी है इसलिए शायद गलती से आपने अपने पत्र में सूबे के माफियाओं को सजा दिलाने की मांग कर दी है. मुझे पता है कि आप इस तरह के शब्द नहीं लिख सकतें क्योंकि अगर सरकार ने एक्शन लेना शुरू किया तो आपका दल कैसे चलेगा? वहां तो माफियाओं की जमात है या यह कहें कि आपकी पार्टी ही अपराधियों की किड्स स्कूल है, जहां नामांकन कराकर वह सदन तक पहुंचने की तमन्ना रखतें हैं."
सही पते पर लिखा करें पत्र
उन्होंने लिखा, " चिराग जी आप सांसद हैं और आपके पिता केन्द्र सरकार में मंत्री हैं. इसके बावजूद SC/ST एक्ट को संविधान के 9वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया अगर आप दलित/आदिवासी समाज के हितैषी हैं तो SC/ST एक्ट को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करवा ना दीजिए. सिर्फ कोर्ट टाई लगाकर दलित हितैषी होने का ढोंग काहे कर रहें हैं. खैर कोई बात नहीं आगे से बिहार को लेकर कोई भी इस तरह का पत्र लिखें तो पता में मीडिया दफ्तर की जगह मुख्यमंत्री कार्यालय का उल्लेख जरूर कर दें ताकि वह पत्र सही जगह पहुंच पाए."