PM Modi के 'वेस्ट टू वेल्थ' विजन से प्रेरित देश के पहले स्टील स्लैग रोड का इस्पात मंत्री ने किया उद्घाटन, जानिए क्यों है खास?
India's First Steel Slag Road: सूरत में सीएसआईआर और सीआरआरआई तकनीक पर आधारित एक किमी लंबा स्टील स्लैग रोड तैयार किया गया है. यह रोड बंदरगाह को शहर से जोड़ता है.
पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के 'वेस्ट टू वेल्थ' विजन (West to Wealth Vision) से प्रेरित देश का पहला स्टील स्लैग रोड (India's first steel slag road) का बुधवार को केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह (Union Steel Minister Ram Chandra Prasad Singh) ने गुजरात के सूरत में उद्घाटन किया. यह सीएसआईआर (CSIR) और सीआरआरआई (CRRI) द्वारा विकसित तकनीक से निर्मित 6–लेन रोड है. इसकी लंबाई एक किमी है. यह रोड बंदरगाह को शहर से जोड़ता है.
रोड का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि यह रोड हरित और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की दिशा में एक सुनहरा कदम है. इस सड़क से प्राप्त अनुभव का इस्तेमाल आने वाले दिनों में किया जाएगा. खासकर स्टील स्लैग के व्यापक उपयोग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश विकसित करने के लिए. सड़क निर्माण में स्टील स्लैग का उपयोग जरूरी है, क्योंकि देश में विभिन्न प्रक्रिया मार्गों से स्टील स्लैग का उत्पादन वर्तमान में 45 मिलियन टन से बढ़कर 2030 तक 90–100 मिलियन टन से अधिक होने की संभावना है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, ब्लास्ट फर्नेस से उत्पन्न होने वाले लोहे के स्लैग का उपयोग लगभग 25 मिलियन टन सालाना सीमेंट निर्माण में किया जा रहा है. यह डीकार्बोनाइजेशन में मदद कर रहा है और इस प्रकार प्रधानमंत्री द्वारा 2070 तक कार्बन तटस्थता की ओर बढ़ने की हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करता है. इस्पात मंत्रालय सड़क निर्माण, कृषि में मिट्टी के पोषक तत्वों और उर्वरकों के प्रतिस्थापन, रेलवे के लिए गिट्टी और ग्रीन सीमेंट बनाने के लिए ऐसी सामग्री का उपयोग करने के लिए अन्य सभी विकल्प तलाश रहा है.
सर्कुलर इकोनॉमी को बनाना होगा जीवन का अनिवार्य हिस्सा
उन्होंने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी (circular economy) समय की मांग है और हमें इसे अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा. स्टील प्रोसेस्ड स्लैग के 100% उपयोग से निर्मित सड़क कचरे को धन में बदलने और स्टील प्लांटों की स्थिरता में सुधार का एक वास्तविक उदाहरण है. सड़क निर्माण में ऐसी सामग्री के उपयोग से न केवल जीवन में वृद्धि होगी बल्कि निर्माण की लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी.
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