अजब-गजब: चार महीने बाद 'प्रकट' हुई बेटी तो चौंके घरवाले, मरा हुआ समझकर कर चुके थे अंतिम संस्कार, जानें पूरा मामला
युवती ने कहा कि उसका नाम नेहा सोनी है. वो मरी नहीं, जिंदा है. लेकिन वो ना अब ससुराल में रहना चाहती है और ना ही मायके में. वो आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन धोखे से उसकी शादी करा दी गई.
छपरा: बिहार के सारण जिले के छपरा व्यवहार न्यायालय में बुधवार को उस समय सभी हैरान रह गए, जब चार महीने से गायब नेहा सोनी ने कोर्ट में आकर कहा कि वो जिंदा है. जिस युवती को मरा हुआ मानकर परिजनों ने अंतिम संस्कार तक कर दिया था, उसके कोर्ट में पेश होने के बाद वे चौंक गए. दरअसल, सारण के शिवपुर निवासी त्रिलोकी गुप्ता की बेटी नेहा सोनी की सीवान जिले के कराई बसंत निवासी अजय प्रसाद के बेटे से 26 जून को शादी कराई गई थी.
आगे पढ़ना चाहती थी युवती
हालांकि, आगे पढ़ने की इच्छा रखने वाली नेहा शादी के महज एक हफ्ते के अंदर ही ससुराल से भाग गई थी. ऐसे में ससुराल पक्ष द्वारा उसके परिजनों को उसके लापता होने की जानकारी दी गई. उन्होंने साथ मिलकर नेहा को खूब ढूंढा, लेकिन उसका कहीं से कुछ पता नहीं चला.
इसी बीच 13 जुलाई को इसुआपुर के समीप शामपुर सोनिका चंवर में किसी युवकी का शव बरामद किया गया, जिसे नेहा के परिजनों ने नेहा समझ लिया और ससुराल पर दहेज के लिए बेटी की हत्या करने का आरोप लगाकर केस दर्ज करा दिया. हालांकि, चार महीने बाद बुधवार को सुनवाई के दौरान नेहा सीधे कोर्ट पहुंची और जज के सामने अपने जिंदा होना का साक्ष्य दिया.
नेहा ने कही ये बात
युवती ने कोर्ट को दिए बयान में यह कहा कि उसका नाम नेहा कुमारी उर्फ नेहा सोनी है. वो मरी नहीं, जिंदा है. लेकिन वो ना अब ससुराल में रहना चाहती है और ना ही मायके में. वो आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन धोखे से उसकी शादी करा दी गई. ऐसे में वो नाराज होकर दिल्ली भाग गई थी और फिर वहीं रहकर पढ़ाई करने लगी थी. युवती का बयान दर्ज कर कोर्ट ने उसे पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है. वहीं, आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश दिया गया है.
क्या कहते हैं सारण रेंज के डीआईजी
वहीं, सारण रेंज के डीआईजी रविंद्र कुमार ने इस पूरे मामले पर कार्रवाई करने की बात कही है. इस घटना की जांच कराई जा रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में शव को नेहा के शव के रूप में शिनाख्त करा दिया गया.
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