मोतिहारीः दबंगों के आगे झुकी पुलिस, अभियुक्त पक्ष के आवेदन पर भी FIR, बुरी तरह से घायल पीड़ित पक्ष को डराने की साजिश?
ढाका थाना क्षेत्र के चंदनबारा में बीते रविवार को गांव के दबंग खुर्शीद आलम और राशिद उर्फ फूल बाबू ने फोजैल अहमद की पिटाई कर दी. गांव के दबंग कहे जाने वाले इन दोनों शख्स पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. पीड़ित का मोतिहारी के सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है.
मोतिहारीः ढाका थाना क्षेत्र के चंदनबारा में बीते रविवार को फोजैल अहमद को गांव के ही कुछ दबंगों ने पिटाई कर घायल कर दिया. गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मोतिहारी सदर अस्पताल में भेजा गया है. फोजैल अहमद ने गांव के ही खुर्शीद आलम, राशिद उर्फ फूल बाबू पर मारपीट का आरोप लगाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
आवेदन में कहा कि रविवार को उक्त दोनों व्यक्ति रास्ते पर बह रहे पानी को बोरा में मिट्टी भरकर उनकी निजी जमीन में नाला खोदकर पानी बहाना शुरू कर रहे थे. उनके द्वारा मना करने पर दोनों व्यक्ति के अलावा तौसीफ, आरिफ व आसिफ उन्हें धारदार तलवार, लाठी, डंडा से पीटने लगे. इस दौरान वे जान से मारने की बात कहकर धमकी भी दे रहे थे.
गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल में चल रहा इलाज
इस दौरान पीड़ित ने कहा कि पिटाई करने वालों ने जमीन पर फेंक कर मरा हुआ समझकर वहां से भाग गए. शोर सुनकर स्थानीय लोग वहां पहुंचे तो ढाका रेफरल अस्पताल पहुंचाया. ढाका में इलाज के बाद स्थिति को गंभीर देखते हुए मोतिहारी सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया.
अभियुक्त खुर्शीद आलम और राशिद उर्फ फूल बाबू गांव के दबंग
ढाका पुलिस ने मामले में दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज कर ली है. हालांकि पुलिस दोनों को पूर्व से विवाद की बात भी कह रही है. साथ ही अभियुक्त खुर्शीद आलम व राशिद उर्फ फूल बाबू के द्वारा अवैध ढंग से फोजैल अहमद की निजी जमीन में नाला व सड़क पर जलजमाव का पानी बहाने की बात बताई. वहीं घटना के बाद फोजैल अहमद के परिजनों में दहशत का माहौल बना है. लोगों ने कहा कि अभियुक्त खुर्शीद आलम और राशिद उर्फ फूल बाबू गांव के दबंग हैं. पूर्व में भी कई तरह का विवाद गावों में हो चुका है.
बता दें कि आजकल पुलिस दोनों पक्ष का आवेदन लेकर प्राथमिकी दर्ज करती है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब पुलिस को जानकारी है कि अभियुक्त खुर्शीद आलम और राशिद उर्फ फूल बाबू ने अवैध तरीके से फोजैल अहमद की निजी जमीन में नाले का पानी बहाने की कोशिश करने पर विवाद हुआ तो अभियुक्त पक्ष का आवेदन लेकर प्राथमिकी दर्ज क्यों की गई, कहीं ऐसा तो नहीं कि पीड़ित पक्ष को डराने की साजिश हो.
(इनपुटः अरविंद कुमार)
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