पटना: आरआरबी द्वारा आयोजित एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा के परीक्षाफल में गड़बड़ी से नाराज अभ्यर्थियों का आंदोलन बुधवार को भी जारी रहा. प्रदेश के कई जिलों में रेलवे स्टेशनों पर रिजल्ट में धांधली से नाराज छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया. बुधवार की सुबह छात्रों ने कई रूटों पर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. इधर, छात्रों के हंगामे को देख कर रेलवे ने एक पत्र जारी किया, जिसमें छात्रों के आंदोलन की चर्चा करते हुए ये बताया गया है कि आंदोलनकारी छात्रों को छात्र संगठन एनएसयूआई का समर्थन है. वहीं, युवा कांग्रेस के भी छात्रों को समर्थन देने की संभावना है. ऐसे में स्टेशनों पर अतिरिक्त सावधानी बरती जाए. साथ ही सुरक्षा बढ़ा दी जाए.
बच्चों का भविष्य सरकार नहीं तय कर सकती
इधर, रेलवे द्वारा जारी इस लेटर पर प्रतिक्रिया देते हुए एनएसयूआई बिहार के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार उर्फ चुन्नु सिंह ने कहा कि आरआरबी द्वारा आयोजित एनटीपीसी सीबीटी-1 की परीक्षा के रिजल्ट से नाराज छात्रों के प्रदर्शन में एनएसयूआई पूरी तरह से साथ है. हम हर मोर्चे पर उनके साथ हैं. बिहार के बच्चों का भविष्य सरकार नहीं तय कर सकती है. पीएम मोदी और सीएम नीतीश युवाओं को रोजगार देने के नाम पर सत्ता में आए, लेकिन उन्होंने सबसे ज्यादा गलत किया छात्रों के साथ. अब अगर सरकार कह रही है एनएसयूआई आंदोलन करा रही है. तो मैं मानता हूं कि करा रही है. जब भी छात्रों पर अत्याचार होगा एनएसयूआई आगे आएगी ही.
उन्होंने कहा, " छात्र जो 9 घंटे स्टेशन पर बैठ रहे वो रेलवे की संपत्ति का नुकसान क्यों करेंगे. उन्हें बदनाम किया जा रहा. देश का बर्बाद पीएम मोदी और सीएम नीतीश कर रहे हैं. अगर छात्रों के साथ अन्याय नहीं हुआ होता तो छात्र सड़क पर क्यों उतरते. जब किसान आंदोलन पर बैठे थे तब उन्हें भी इसी तरह बदनाम किया गया था. अब छात्रों के साथ ऐसा किया जा रहा है.
जानें क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 13 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में बोर्ड द्वारा कई पदों के लिए एक ही उम्मीदवार का चयन किया गया है, जिसके कारण कई छात्र सलेक्शन से वंचित हो गए हैं. इसी बात से नाराज होकर वे प्रदर्शन कर रहे हैं. आक्रोशित छात्रों का कहना है कि रिजल्ट में जब तक सुधार नहीं होगा उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. आक्रोशित छात्र रेल मंत्री को बुलाने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं.
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