आरा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर तीखे बयानों की बौछार करने वाला आरजेडी विधायवक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Sinhgh) सीएम पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ते. आरजेडी पार्टी की ओर से जारी नोटिस के बाद भी वह लगातार सरकार पर हमलावर हैं. शनिवार को सुधाकर सिंह आरा पहुंचे जहां उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर बयानबाजी की है. सुधाकर ने कहा कि पिछले 17 सालों में एक व्यक्ति के द्वारा चार बार कुर्सी छोड़ी गई और चार बार गठबंधन बदला गया, लेकिन व्यक्ति वही रहा. पद भी वही रहा केवल गठबंधन बदलते रहे. नहीं बदली तो सिर्फ बिहार की तकदीर.
नीतीश कुमार को केवल सत्ता से मतलब
नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका एक ही सिद्धांत है कि सत्ता हमारे हाथ में होनी चाहिए. सत्ता को नींद नहीं होती सत्ता होती ही है. बदलाव के लिए जनता के काम के लिए जब तक बदलाव नहीं है सत्ता का कोई मतलब नहीं है. कुर्सी पर आप कितना भी रहें आपको किसी खास कारण से कोई याद नहीं रखेगा. सिंह शहर के नागरी प्रचारिणी सभागार में शाहाबाद किसान संघर्ष मोर्चा की ओर से महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि शौर्य स्वाभिमान दिवस में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने नीतीश कुमार पर तीखे हमले किए. सुधाकर सिंह ने कहा कि मीडिया में जो खबरें चलती हैं उससे राजसत्ता हिलने लगती है और बेगुनाह लोग राजनीति में छोटे लोग मेरे जैसे कार्यकर्ता की बलि चलानी पड़ती है ताकि सत्ताधीशों की कुर्सी ना हिले.
‘कर्म के आधार पर शब्द होंगे’
आगे कहा कि मैंने ऐसे कोई शब्द अपशब्द नहीं कहे थे. मेरा कोई इरादा भी नहीं. मैं दिल्ली विश्वविद्यालय का ग्रेजुएट हूं. मुझे अपशब्द कहने की जरूरत भी नहीं मेरे पास शब्दों का भंडार है. वह थोड़े कड़वे हो सकते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर अच्छे काम करेंगे तो शब्द मीठे भी होते हैं. आपके कर्म के आधार कड़वे और मीठे शब्द से नवाजे जाएंगे, वह आपके ऊपर निर्भर करता है. कहा कि जो कुर्सी पर बैठे हुए लोग हैं वो नाराज होते हैं. जो लोग माला पहनाते हैं वही किसान लोग जूते की भी माला पहनाते हैं. मैं सरकार में था, सरकार में रहते हुए मैंने कहा था कि जब मैं गलती करूंगा मेरा पुतला जरूर फूंकना. कम से कम यह याद तो रहेगा कि हम गलत काम कर रहे हैं. लोग पुतला फूकना छोड़ देंगे तो सत्ता में बैठे लोगों को लगेगा हम अच्छा काम कर रहे हैं.
पूर्व मंत्री ने कहा कि मान लीजिए आप पांच साल में क्षेत्र की सरकार बदल रहे हैं क्योंकि आपके हाथ में पांच सालों में एक बार वोट देना है. ऐसे हालात में कोई भी विधायत सरकार को कैसे जगाएंगे. विधायक का या सदस्य के रूप में जो मैं विधायक हूं, सांसद हैं, वह पार्टी के हित से बने हैं. पार्टी के किसी सिद्धांत से नहीं बने हैं. सुधाकर सिंह ने कहा कि मंडी कानून होना चाहिए. मल्टीपल परचेसिंग एजेंसी होनी चाहिए.
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