'कृषि विभाग की मीटिंग से मंत्री ही गायब', नीतीश पर हमलावर सुधाकर सिंह , कहा- CM नहीं कर रहे महागठबंधन धर्म का पालन
Sudhakar Singh vs Nitish Kumar: कृषि मंत्री ने कहा कि आरजेडी कोटा से बिहार के नए कृषि मंत्री बने हैं. नीतीश कुमार ने गुरुवार को उनकी गैर मौजूदगी में कृषि विभाग की बैठक बुलाई जो निंदनीय है.
पटना: बिहार के पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने शुक्रवार को नीतीश कुमार पर जबरदस्त हमला बोला. सुधाकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने महागठबंधन के घटक दलों को हाशिए पर रखा है. मुख्यमंत्री की कार्यशैली से स्पष्ट है कि नई सरकार बनने के बाद महागठबंधन धर्म का पालन नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर गुरुवार को सीएम ने कृषि मंत्री के अनुपस्थिति में ही कृषि विभाग की बैठक बुलाई. उन्होंने उनके इस कार्य को निंदनीय बताकर हमला बोला. साथ ही कृषि रोड मैप की विफलता भी गिनवाई.
आरजेडी कोटे से बने कृषि मंत्री के अनुपस्थिति में विभागीय बैठक
पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चौथे कृषि रोड मैप से संबंधित बैठक बुलाई थी जिसमें सरकार के संसदीय कार्य मंत्री, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, कृषि विभाग के प्रधान सचिव और मुख्यमंत्री के परामर्शी शामिल हुए. वर्तमान सरकार में आरजेडी कोटे से कृषि मंत्री को बनाया गया है. इसके बावजूद कृषि विभाग की ही बैठक में आरजेडी कोटे से बने कृषि मंत्री को नहीं बुलाया गया. मुख्यमंत्री के द्वारा राज्य के कृषि मंत्री को दरकिनार करके विभागीय बैठक बुलाना निंदनीय है और यह दर्शाता है कि इस सरकार में घटक दलों को हाशिए पर रखकर विभागीय निर्णय लिए जा रहे हैं जबकि कृषि विभाग के मंत्री राष्ट्रीय जनता दल के हैं.
महागठबंधन धर्म का नहीं किया जा रहा पालन
सुधाकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस तरह की कार्यशैली से स्पष्ट है की सरकार में महागठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा जिसके बारे में मैं नई सरकार बनने के बाद से लगातार ध्यानाकर्षित करवा रहा हूं. इस तरह की अलोकतांत्रिक कार्य प्रणाली से बिहार और देश के तमाम यूपीए के समर्थित घटक दलों और कृषि संगठनों को सचेत हो जाना चाहिए कि नीतीश कुमार की अगुआई में किस तरह की सरकार चलेगी. तीन रोडमैप की विफलता के बाद चौथे रोडमैप की प्रस्तुति में भी किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, कृषि मंडी और बाजार व्यवस्था के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई है. इससे यह प्रतीत हो रहा है कि चौथा कृषि रोडमैप और उससे संबंधित कार्य योजना मात्र खानापूर्ति के लिए बनाई जा रही है ताकि विभागीय अधिकारियों और मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के लिए अगले पांच साल के लिए धन उपार्जन का इंतजाम हो जाए.
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