लेटरल एंट्री से अधिकारी बनने वाले सुजीत कुमार बाजपेयी की चर्चा, भाई हैं दिग्गज एक्टर
Lateral Entry Row: डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं. बीते पांच साल में अब तक 63 नियुक्तियां लेटरल एंट्री के माध्यम से की गई हैं.
Lateral Entry News: देश में लेटरल एंट्री को लेकर मचे बवाल के बीच यूपीएससी की तरफ से विभिन्न 45 पदों पर निकाली गई नियुक्ति पर मंगलवार (20 अगस्त) को रोक लगा दी गई. यूपीएससी (UPSC) की ओर से 7 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्ती निकाली गई थी. इसके बाद इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल हुआ. इसी बीच लेटरल एंट्री से दिग्गज बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) के भाई सुजीत कुमार बाजपेयी (Sujit Kumar Bajpayee) की हुई भर्ती पर चर्चा तेज हो गई है.
कौन हैं सुजीत कुमार बाजपेयी?
डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी) में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं. हालांकि जॉइंट सेक्रेटरी के रूप में सुजीत कुमार के अपॉइंटमेंट से कई लोग आज भी आश्चर्य हैं क्योंकि पब्लिक सेक्टर पावर प्रोड्यूसर एनएचपीसी (NHPC) में सीनियर मैनेजर रहे सुजीत कुमार बाजपेयी सरकार में ऐसी पोस्ट के लिए काफी जूनियर हैं.
लेटरल एंट्री से वर्तमान में 57 अधिकारी तैनात
वह 2001 में एनएचपीसी में शामिल हुए थे. भारत सरकार में शामिल होने से पहले, उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम एनएचपीसी में लगभग 19 वर्षों तक सेवा की. बता दें कि 2019 में 8 जॉइंट सेकेट्री पदों पर नियुक्ति की गई थी. इसके बाद 2022 में 30 अधिकारी (3 जॉइंट सेक्रेटरी, 27 डायरेक्टर) का चयन किया गया था. 2023 में 37 पदों के लिए भर्ती की सिफारिश की गई थी जिसमें 20 अधिकारी (जॉइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डेप्युटी सेक्रेटरी) भी शामिल थे. रिपोर्ट्स की मानें तो बीते पांच साल में इन स्तरों पर अब तक 63 नियुक्तियां लेटरल एंट्री के माध्यम से की गई हैं. वर्तमान में 57 ऐसे अधिकारी अभी तैनात हैं.
क्या होता है लेटरल सिस्टम?
लेटरल एंट्री के जरिए सीधे उन पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाती है, जिन पद पर आईएएस रैंक के ऑफिसर तैनात किए जाते हैं. यानी इन सिस्टम में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में सीधे उपसचिव यानी ज्वाइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर/डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर उम्मीदवारों की नियुक्ति होती है. निजी क्षेत्रों से अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट्स को सरकार में इन पदों पर नौकरी दी जाती है.
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