ABP न्यूज़ की खबर का असर: बच्चों के बीमार पड़ने के मामले की जांच शुरू, अभिभावक ने कहा-' स्कूल नहीं जाएगा मेरा बच्चा'
Bihar News: सुपौल में एबीपी न्यूज़ की खबर का असर देखने को मिला है. पटना से सुपौल पहुंची जांच टीम ने बीमार पड़े बच्चों के अभिभावकों से मामले की पूरी जानकारी ली.
सुपौल: सुपौल के छातापुर प्रखंड अंतर्गत ठूठी पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को मिड डे मील खाने के बाद बच्चों के बीमार पड़ने की खबर एबीपी न्यूज़ ने प्रमुखता चलाई थी. इसका बड़ा असर देखने को मिला है. राज्य मुख्यालय ने संज्ञान लेते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है. इसके लिए शिक्षा विभाग के राज्य निदेशालय की ओर से तीन सदस्यीय टीम सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड अंतर्गत ठूठी स्थित विद्यालय पहुंची.
अभिभावकों को स्कूल बुलाकर मामले की जांच
स्थानीय अधिकारियों को साथ लेकर स्कूल सहित पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर मामले की पड़ताल की गई. जांच टीम में राज्य निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर मो मोतीउर्र रहमान, असिस्टेंट डायरेक्टर कुमार शशिरंजन एवं एपीसी रमेश प्रसाद शामिल हैं. उनके साथ डीपीओ माध्यमिक शिक्षा सह एमडीएम प्रभारी डीपीओ राहुल चंद्र चौधरी, लेखापाल विप्लव कुमार साह, छातापुर एमडीएम बीआरपी बिनोद कुमार राम, बीआरसी लेखापाल रंजीत कुमार जांच में सहयोग कर रहे हैं. राज्य निदेशालय से पहुंची टीम स्कूल परिसर में मंगलवार को पीड़ित सहित अन्य नामाांकित बच्चों के अभिभावकों से बातचीत की.
पीड़ित बच्चे के अभिभावक ने कहा- स्कूल नहीं जाएगा मेरा बच्चा
यहां पीड़ित बच्चा छोटू कुमार भगत के अभिभावक अरविंद कुमार भगत ने कहा कि सोमवार की घटना के बाद हमलोगों ने अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोक दिया है. बच्चों को कहा है स्कूल नहीं जाना है. सोमवार की घटना देखकर हमलोग हैरान हैं. स्कूल के खाने में गिरगिट गिर गया था, जहां शिक्षक ने बच्चों को खाना खिलाकर छुट्टी देकर घर भेज दिया.
शिक्षकों ने जब देख लिया कि खाने में गिरगिट गिर गया था तो बच्चों का इलाज कराना चाहिए था, ना कि उन्हें छुट्टी देकर घर भेज देना चाहिए था. वहीं जांच के बाद जिले के डीपीओ राहुल चंद्र चौधरी ने कहा कि तीन सदस्यीय कमेटी के द्वारा जांच की गई. जांच रिपोर्ट हमलोग दे रहे हैं. जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
इधर वहीं डिप्टी डायरेक्टर मो मोतीउर्र रहमान ने कहा कि लारपरवाही है. कोई जानबूझ कर नहीं किया गया है. यहां पर रसोइया और स्कूल प्रशासन की लापरवाही है. घटना होती है तो उसके बाद बच्चों को स्कूल भेजने में अभिभावकों का डरना स्वाभाविक है.
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