सुपौल: सीएसपी संचालक संजय यादव हत्याकांड का पुलिस ने शनिवार (04 नवंबर) को खुलासा कर दिया. इसमें मुख्य आरोपित समेत दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पीपरा थाना इलाके के राजपुर गांव से 20 अक्टूबर को लापता होने के बाद संजय यादव की लाश मिली थी. इस मामले में जांच के लिए टीम का गठन किया गया था. अब इसके पीछे का जो कारण सामने आया है वो चौंकाने वाला है. चचेरे भाई ने ही ईगो हर्ट में भाई की हत्या कर दी थी.


सुपौल के एसपी शैशव यादव ने बताया कि 20 अक्टूबर को घर से लापता हो जाने के मामले में सीएसपी संचालक संजय यादव के परिजनों ने पीपरा थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके आधार पर जांच चल ही रही थी कि पुलिस को गांव के ही खेत में गड्ढे से संजय यादव की लाश मिली.


दो लाख रुपये की चोरी का आरोप बना मौत का कारण


एसपी ने कहा कि पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से जांच की तो पता चला कि 14 अगस्त 2023 को मृतक संजय यादव के घर से दो लाख रुपये की चोरी हो गई थी. संजय यादव ने अपने चचेरे भाई शिवम पर ही इसका आरोप लगा दिया. इससे शिवम को समाज में काफी कुछ सुनने को मिला था. इससे वो अंदर ही अंदर घुट रहा था, लेकिन विवाद ऊपर से शांत हो गया था.


फोन कर घर से बुलाया था, पिटाई कर की हत्या


इसी बीच मृतक संजय यादव के चचेरे भाई शिवम ने प्रिंटर खरीदने के लिए 24 हजार रुपये कर्ज लिए थे. इस पैसे को लौटाने को लेकर दोनों में विवाद हुआ. इसी से गुस्से में शिवम ने अपने मित्र विकास के साथ मिलकर संजय यादव को घर से फोन कर बाहर बुलाया था. लाठी से मारकर उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद बगल के खेत में गड्ढा खोदकर लाश को जमीन में दबा दिया था. पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है. मृतक संजय यादव का मोबाइल और अन्य सामान आरोपी की निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है.


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