सुपौल: सुपौल जिले के तमाम अस्पतालों में चल रहा आउट सोर्सिंग का काम बिना टेंडर के दुसरे साल भी जारी है .जिसकी वजह से इस लूट में शामिल आउट सोर्सिंग में लगे एनजीओ कर्मी फर्जी बिल पास करवाने का दवाब देकर डाक्टरों की पिटाई के मामले भी सामने आ रहे है . हाल ही में किसनपुर पीएचसी प्रभारी डा अखिलेश की पिटाई इसका सीधा प्रमाण है.लिहाजा अब जिले के तमाम चिकित्सकों ने जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है कि जल्द कार्रवाई नही हुई तो ये तमाम चिकित्सक हड़ताल पर चले जाएगें.
किसनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर अखिलेश प्रसाद को आउट सोर्सिंग में लगे एनजीओ संचालकों की बात नही मानना बीते रविवार को उस समय महंगा पड़ा जब किसनपुर में आउट सोर्सिंग के काम में लगे चौहान एजुकेशन सोसायटी पेटी कॉन्ट्रेक्टर अमर कुमार यादव उर्फ ललटू यादव ने उनकी इतनी बेरहमी से पिटाई कर दी कि डाक्टर अखिलेश कुमार आज जिंदगी और मौत से जुझ रहे है.
डॉक्टर की हुई पिटाई के बाद जिला प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई नही किए जाने को लेकर अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) 29 जनवरी के बाद हड़ताल पर जाने का मन बना चुकी है. जिले के तमाम प्राईवेट और सरकारी डाक्टर के हङताल पर चले जाने से स्वास्थ व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जायेगी .आईएमए की 5 सदस्यीय टीम ने डीएम और एसपी से मिलकर अपना अल्टीमेट सौंप दिया है.
डॉक्टरों का आरोप है कि आउट सोर्सिंग में लगे लोगो की पिटाई या टार्चर के शिकार केवल डॉ अखिलेश कुमार ही नही है और भी कई लोग हैं. बीते दो सालों से ये बिना टेंडर के जिले के तमाम अस्पतालों में आउट सोर्सिंग का कार्य चल रहा है .जो इनके फर्जी बिल पास करने का विरोध करता है उसकी पिटाई कर दी जाती है या तो प्रभारी के पद से तुरंत हटा दिया जाता है .जिसका उदाहरण त्रिवेणीगंज अस्पताल है जहां बीते 4 महीनों में 2 प्रभारी बदले जा चुके है.
जिले के सीएस भले ही कोरोना का हवाला देकर टेंडर नही होने की बात कहते हो लेकिन उनकों भी पता है कि इन दबंगो को खिलाफ मुँह खोलना कितना भारी पङ सकता है .ऐसा नही है कि जिले के तमाम अधिकारियों को इस फर्जीवाङे की जानकारी नही है .डीएम महेंन्द्र कुमार बताते है कि आउट सोर्सिंग वालों की शिकायत उन्हे लगातार मिलती रहती है, तो सवाल ये उठता है कि कार्रवाई में जिला प्रशासन क्यों पीछे हट रही है.