Supaul News: कोसी नदी रौद्र रूप में आ गई है. सुपौल के नीचले इलाकों में पानी फैल गया है. लोगों की झोपड़ियां डूब गई, लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन को मजबूर हैं. प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन से मदद नहीं मिल रही है, भूखे प्यासे हैं. बता दें कि नेपाल में हो रही बारिश के कारण कोसी बराज से 6 लाख क्यूसेक से ऊपर पानी डिस्चार्ज किया गया है. करीब 55 सालों बाद नदी में इतना पानी आया है.
पीड़ित प्रशासन से लगा रहे हैं मदद की गुहार
सुपौल में कोसी नदी ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. नीचले इलाके बाढ़ की चपेट में पीड़ित त्राहिमाम कर रहे हैं. नाव से समान, मवेशियों के साथ पलायन कर रहे हैं. बदइंतजामी से आक्रोशित हैं, प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं.
13 जिलों में बाढ़ की स्थिति
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति हो गई. इसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया एवं मधुबनी शामिल है. लाखों की जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन ने सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया है.
वहीं, कोसी बैराज से रविवार की सुबह सात बजे 6,55,370 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है. कई वर्षों बाद इतना पानी डिस्चार्ज हुआ है. सूबे में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण पानी लगातार छोड़ा जा रहा है. बता दें कि शनिवार की रात से कोसी बैराज पर आवागमन बंद कर दिया गया है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
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