पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (JDU Upendra Kushwaha) को लेकर माहौल गर्म है. कुशवाहा ने हिस्से की मांग जरूर की है लेकिन इस बात से शायद अंजान हैं कि जिस दिन नीतीश कुमार उन्हें पार्टी में लेकर आए उसी दिन से उनके खिलाफ जेडीयू में एक दूसरा गुट तैयार हो गया था. बिहार में करीब छह महीने पहले जब महागठबंधन की सरकार बनी उस समय भी उन्हें धोखा ही मिला. शायद अब जाकर उन्हें इसका एहसास हुआ है. शायद इसलिए ही उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी के साथ 'डील' वाली बात का भंडाफोड़ कर दिया. इन सबके बीच खुद जेडीयू ने अब बड़ा खुलासा किया है. जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने एबीपी न्यूज़ के सवालों का जवाब दिया और पार्टी में चल रही साजिश का भंडाफोड़ भी किया.


जेडीयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने बुधवार एबीपी से बातचीत में कहा कि पार्टी का एक गुट कभी नहीं चाहता था कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में आएं. साजिश चल रही थी कि कैसे उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में आने से रोका जाए. उसी वक्त सबसे पहले पूर्व विधायक अभय कुशवाहा के यहां एक भोज का आयोजन किया गया था. उस समय यह बात शुरू हुई थी. उसमें वे खुद गए थे और इस बारे में पता चला कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में नहीं आएं इसलिए यह बैठक हो रही है. उन्होंने उस वक्त ही कहा था कि वह नीतीश कुमार के फैसले के साथ हैं. वह इस गुट में नहीं रहेंगे.


लव-कुश को मजबूत करने का था प्लान


बातचीत में रामेश्वर महतो ने आगे कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू ज्वाइन किया था उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुशी का ठिकाना नहीं था. उनके चेहरे पर उस दिन जो खुशी दिखी थी वह पहले कभी नहीं दिखी थी, न उसके बाद आज तक दिखी. उस समय लगा कि बिहार में लव-कुश समीकरण पूरा मजबूत होगा.


जेडीयू एमएलसी ने एक और बड़ा खुलासा करते हुए कहा- "मैं पूरा बिहार घूमते रहता हूं. 2020 के चुनाव में जहां-जहां हमारी हार हुई थी वहां-वहां से मुझे जानकारी मिली कि कुशवाहा वोटर का वोट हमें नहीं मिला है. सीतामढ़ी में दो विधानसभा है बागपट्टी और बेलसंड. दोनों विधानसभा में कुशवाहा का वोट हमें नहीं मिला. 10 या 15 परसेंट मिला हो तो नहीं कहा जा सकता है. कुशवाहा समाज के ही तथाकथित लोग कुछ हैं पार्टी में जिन लोगों को लग रहा था कि उनका कद कम हो जाएगा तो उन लोगों ने साजिश रचनी शुरू कर दी."


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