पटना/नई दिल्लीः1999 का चर्चित सेनारी नरसंहार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. बिहार सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इस कांड में माओवादियों ने 34 लोगों की हत्या कर दी थी. निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए पटना हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.  


पटना हाई कोर्ट ने नरसंहार पर फैसला सुनाते हुए 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने के लिए कहा था. इसके पहले 15 नवंबर 2016 को जहानाबाद जिला अदालत ने 10 लोगों को फांसी और तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटना हाई कोर्ट के जज अश्विनी कुमार सिंह व अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने रिहा करने का फैसला सुनाया था. अब इस मामले में हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद बिहार सरकार की ओर से याचिका दायर की गई है. हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद ही यह कहा गया था कि इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.


क्या था सेनारी नरसंहार?


गौरतलब हो कि 18 मार्च 1999 की रात बिहार के जहानाबाद के सेनारी गांव में 34 लोगों को बांधकर उनका गला रेत दिया गया था. इस कांड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर को शामिल माना गया था. एमसीसी के सैकड़ों लोगों ने 18 मार्च 1999 की रात सेनारी गांव की घेराबंदी कर एक जाति विशेष के पुरुषों को घर से निकाला था. घर से निकालने के बाद उन्हें गांव में एक मंदिर के पास ले जाकर हाथ-पैर बांधकर और गला रेतकर हत्या कर दी थी.


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