Supreme Court News: तमिलनाडु में कथित तौर पर बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को सोमवार (10 मार्च) को भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली. मनीष का केस जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari) और जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) की पीठ के कोर्ट नंबर 13 में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
इस संबंध में मनीष कश्यप के वकील डॉ. एपी सिंह ने कहा कि मनीष कश्यप मामले की सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख मिली थी. उनका केस नंबर 63 था, लेकिन भोजनावकाश तक 43 मामलों की ही सुनवाई हो पाई. यानी उनके केस का नंबर नहीं आया और लंच के बाद इस मामले की सुनवाई करने वाले दोनों जज किसी अन्य मामले की सुनवाई के लिए किसी और कोर्ट में चले गए. लिहाजा, मनीष के मामले में सोमवार को सुनवाई नहीं हो पाई. अब उनका केस फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने के बाद अगली तारीख पर होगी.
इससे पहले भी नहीं मिली थी राहत
कश्यप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पिछले गुरुवार को याचिका दायर दी गई थी. इस मामले को चीफ जस्टिस (CJI) की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने उठाया गया था. इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अंतरिम राहत के लिए अदालत से अपील की थी. इसके साथ ही कश्यप के वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि इस प्रकरण में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को एक जगह क्लब कर दिया जाए और कश्यप के खिलाफ एनएसए भी हटा दिया जाए, जिसका तमिलनाडु राज्य की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और अमित आनंद तिवारी ने विरोध किया था. हेगड़े ने कहा कि कश्यप न्यायिक आदेश से हिरासत में हैं और यह अवैध हिरासत का मामला नहीं है. इस पर पीठ ने कहा था अगर वह हिरासत में है, तो हम अंतरिम राहत कैसे दे सकते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने राहत देने से इनकार करते हुए सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख दे दी थी.
इस गुनाह में नपे कश्यप
यूट्यूबर को तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले का फर्जी वीडियो बनाकर उसके प्रसार करने और दो राज्यों के बीच नफरत बढ़ाने की साजिश रचने का आरोप है. इसी मामले में केस दर्ज होने के बाद मनीष ने 18 मार्च को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर किया था. इसके बाद 29 मार्च को तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ ले गई. तमिलनाडु पुलिस ने मनीष कश्यप के खिलाफ एनएसए लगा दिया है, जिसकी वजह से फिलहाल उसकी गिरफ्तारी आसान नजर नहीं आ रही है. इस वक्त वह 19 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में है.
ये भी पढ़ेंः Bihar Violence: ओवैसी के ट्वीट पर बिहार में छिड़ी जुबानी जंग, RJD और JDU खफा तो बीजेपी ने नीतीश सरकार पर लगाया आरोप