पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने गुरुवार को पटना में आपदा प्रबंधन विभाग और बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान अधिकारियों ने वज्रपात के कारण होने वाली मौतों को कम करने के लिए तैयार की गई योजना की जानकारी दी. बैठक में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में बाढ़ आपदा के दौरान चलाई जाने वाली सामुदायिक किचन मॉडल की प्रशंसा की है.
आपदा से प्रभावित रहता है बिहार
इधर, बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा आपदा से प्रभावित रहता है. कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है. आपदा में किसी को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसका हम लोग पूरा ध्यान रखते हैं. एनडीआरएफ की टीम को हम लोगों ने राज्य में मंगवाया और उनके रहने-खाने और अन्य सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था की. एसडीआरएफ का भी गठन किया गया.
ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में जल्द और प्रभावी ढंग से राहत और बचाव कार्यों के संचालन के लिए स्थायी तौर पर कार्य करें. किए गए पुराने कामों और अनुभव को ध्यान में रखते हुए काम की योजना बनाकर उसका पालन करें. उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ में कर्मियों की संख्या और बढ़ाएं और उनका बेहतर प्रशिक्षण कराएं. पिछले 14 सालों में प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के आधार पर स्थल चयन कर रिस्पांस फैसिलिटी कम ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करें. ताकि आपदा की स्थिति में जल्द से जल्द लोगों राहत मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वज्रपात से होने वाली क्षति को कम करने के लिए काम करें. वज्रपात से सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं. बच्चे और बच्चियों को सरल भाषा में इसके संबंध में जानकारी दें. उन्होंने कहा कि उन्नयन बिहार के पाठ्यक्रम में वज्रपात से सुरक्षा से संबंधित जानकारी को भी शामिल करें.
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