Caste Based Census: जाति आधारित जनगणना के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- हाई कोर्ट जाएं
Supreme Court: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. तीन याचिका दायर की गई थी. सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख दी गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है.
Caste Census News: बिहार में राज्य सरकार (Bihar Government) जाति आधारित जनगणना करवा रही है. इस पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिकाओं पर सुनवाई से न्यायालय ने शुक्रवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य भर में जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न दलीलों पर कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित उच्च न्यायालय (High Court) का दरवाजा खटखटाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "यह एक प्रचार हित याचिका है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम विशेष जाति को कितना आरक्षण दिया जाना चाहिए, इस बारे में निर्देश कैसे जारी कर सकते हैं. जजों ने कहा कि हम इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं और इन याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकते हैं. पीठ ने आदेश दिया कि सभी याचिकाओं को वापस ले लिया गया मानकर खारिज किया जाता है और कानून में उचित उपाय खोजने की स्वतंत्रता दी जाती है."
बिहार में शुरू है जाति आधारित जनगणना
बता दें कि जाति आधारित गणना बिहार सरकार करवा रही है. सात जनवरी से 21 जनवरी के बीच पहले चरण के तहत जनगणना कराई जा रही है. इसी को लेकर तीन अलग-अलग याचिका दायर की गई थी. इसमें हिंदू सेना और नालंदा जिले के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बिहार सरकार के छह जून 2022 के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बिहार सरकार को बड़ी राहत मिली है क्योंकि जाति आधारित जनगणना का प्रथम चरण 21 जनवरी को समाप्त हो रहा है. दूसरा चरण एक अप्रैल से शुरू होगा. 31 मई तक बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
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