Caste Census: जातीय गणना पर आया 'सुप्रीम' फैसला, पटना हाईकोर्ट के डिसीजन को रखा बरकरार, रोक लगाने से इनकार
Supreme Court: बिहार जातीय गणना का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अभी इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
पटना: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जातीय गणना (Caste Census) पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के फैसले को बरकरार रखा. बिहार में जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि जब तक सुनवाई नहीं होती है तक कोई रोक नहीं लगेगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी. हालांकि इससे पहले बिहार में जातीय गणना की प्रक्रिया को तेजी के साथ पूरी की जा चुकी है. अब सिर्फ डाटा इंट्री का काम चल रहा है.
पटना हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
दरअसल, एक अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए सरकार को कहा था कि यदि वह चाहे तो गणना करा सकते हैं. कोर्ट के फैसला के चंद घंटे बाद ही सरकार की तरफ से राज्य के सभी जिलाधिकारी को गणना के काम को फिर से शुरू करने का आदेश दिया गया था. बता दें कि पिछले साल से बिहार में जातीय गणना की प्रक्रिया शुरू की गई थी. पहला चरण जनवरी और दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था, लेकिन चार मई को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए गणना की प्रक्रिया पर तीन जुलाई तक रोक लगा दिया था. इसके बाद यह प्रक्रिया रुक गई थी.
आज हुई पहली सुनवाई
वहीं, इस माह 3 से 7 जुलाई तक इस मामले पर पटना हाईकोर्ट में बहस हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और फिर एक अगस्त को दिए फैसले में पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना कराने को मंजूरी दे दी थी, लेकिन एक बार फिर एक सोच एक प्रयास नामक एनजीओ की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसकी पहली सुनवाई सोमवार को हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने गणना का कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
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