पटना: सुशांत आत्महत्या मामले में पिता के. के सिंह की ओर से पटना के राजीवनगर थाने में गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद मामले से संबंधित घटनाक्रम पल-पल बदल रहे हैं. बिहार पुलिस की टीम मुम्बई में मामले की जांच कर रही है, ऐसे में नई-नई बातें सामने आ रही है. लेकिन पटना में एफआईआर कैसे दर्ज किया गया इस मुद्दे पर चर्चा थम नहीं रही. ऐसा में जब शुक्रवार को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं हैं. हम इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं, सुशांत को न्याय मिले इसके लिए हमलोग ने बाजी लगा दी है.


डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि "पटना पुलिस ने मामले में कैसे FIR दर्ज कर ली, इस सवाल का जवाब देने का मुझे जरूरत नहीं है और वो इसलिए क्योंकि इस मुद्दे को लेकर एक अभियुक्त सुप्रीम कोर्ट में गए हैं, तो जिस मामले पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है, उस मामले पर मेरा बोलना उचित नहीं. हमारी टीम वहां गई हुई है और हमारे सीनियर एसपी लगातार उनके संपर्क में हैं. कल डीसीपी से हमारी टीम की एक अच्छी मुलाकात हुई है और उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया है. मुझे जो सूचना प्राप्त हुई है वो लोग भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी करेगा, उसके बाद जो भी एविडेंस मुंबई पुलिस को मिले हैं वो हमें सुपुर्द कर देंगे."


गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि "बिहार पुलिस ने वहां अशोक, सुशांत के बहन नीतू सिंह, एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे, डॉक्टर चौड़ा जो इलाज करते थे, सुशांत के स्वीपर नीरज और महेश सेट्ठी सुशांत के दोस्त से बात की है. पुलिस सुशांत के बैंक भी गई थी और सारे डोकमेंट्स कलेक्ट की है. सुशांत के बहनोई ने गिरफ्तारी को लेकर मुझे कुछ नहीं कहा है. वो हमारे बैच से नहीं, हम उनसे काफी जूनियर हैं और वो हरियाणा कैडर के पदाधिकारी हैं. उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा है."


गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि "अभी तो इंवेशिगेशन शुरुआती दौर में है, चूंकि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट चला गया है, तो इसपर सुप्रीम कोर्ट के आदेश आना बाकी है. अगर सुप्रीम कोर्ट आदेश देता है कि बिहार पुलिस इस केस का अनुसंधान करेगी तो सारे डोकमेंट्स मुम्बई पुलिस हमें सौंप देगी. अभी हम रिया चक्रवर्ती को लोकेट नहीं कर पाए हैं, लेकिन कोशिश जारी है. हम इन्वेस्टिगेशन के भीतर की सब बात नहीं बता सकते लेकिन सुशांत को न्याय मिले इसके लिए हमलोग ने बाजी लगा दी है."


उन्होंने कहा कि "मुंबई पुलिस ने कोई ऐसा दुर्व्यवहार बिहार पुलिस के साथ नहीं किया है. वो वहां के डीसीपी क्राइम से मिलने गए थे. बाहर मीडिया के काफी लोग थे संभवतः मुंबई पुलिस यह चाहती थी कि हमारे लोगों का मीडिया से इंट्रोडक्शन ना हो, इसलिए उनको अपनी गाड़ी में सुरक्षित बैठाकर जहां वो ठहरे हुए थे, वहां ले जाकर छोड़ दिया. वो वीडियो मैंने देखा नहीं है लेकिन हमारे टीम की सीनियर एसपी से बात हुई है और टीम के लोगों ने ये कहा है कि हमारे साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ है."


गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि "यहां धमाका करने के लिए हमलोग बेचैन नहीं है, हमारा दर्द यह है कि सुशांत बिहार का ही नहीं, वो पूरे हिंदुस्तान का बेटा था. सारे देश का इमोशन उसके साथ जुड़ा है और इस मामले को लेकर लोगों की राय है कि इसमे कुछ गड़बड़ ना है तो मैं यहीं चाहता हूं कि सच्चाई सामने आए."


उन्होंने कहा कि "जनता तो तमाम बातें कर रही है पर असल में सुशांत के पिता क्या चाहते हैं ये जरूरी है. अगर उनको बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वो सीबीआई जांच की मांग कर सकते हैं. इसमें हम कहीं से भी यह मांग नहीं कर सकते क्योंकि हम ये मानते ही नहीं कि इस केस का हम इंवेशिगेशन नहीं कर सकते, हम इसको मजबूती से इंवेस्टिगेट कर सकते हैं. इस काम के लिए यहां से बड़े अधिकारी या महिला पुलिस की एक टीम वहां जरूर जाएगी, कुछ सीनियर आईपीएस अधिकारी जाएंगे."