जानिए किस आधार पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट
पटना में FIR दर्ज होने के बाद रिया ने सुप्रीम कोर्ट में केस मुम्बई ट्रांसफर करने की याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद अभिनेता सुशांत के पिता और बिहार सरकार ने कैविएट दाखिल की है.
पटना: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में पटना के राजीवनगर थाने में पिता केके सिंह की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के बाद मामले की बिहार पुलिस की टीम ने मुम्बई जाकर जांच शुरू कर दी है. इधर, इस जांच को रोकने के लिए मामले में नामजद रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामले की जांच पटना पुलिस के क्षेत्राधिकार से बाहर होने का हवाला देते हुए केस मुम्बई ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की थी.
रिया के याचिका दायर करने के बाद सुशांत के पिता और बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है. बिहार सरकार ने कहा है कि कोई भी फैसला दिए जाने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए. अब यह समझने की जरूरत है कि यह पूरा मामला क्या है और आखिर किस बेसिस पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिया के याचिका के खिलाफ कैविएट दाखिल किया है.
इस संबंध में बात करने पर एडवोकेट जेनरल ललित किशोर ने बताया कि सुशांत सिंह के पिता के स्टेटमेंट के आधार पर राजीव नगर पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज हुआ. उसके आधार पर पटना पुलिस जांच के लिए मुंबई गई है, अब उस चीज के लिए रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटना पुलिस के ज्यूरिडिक्शन को चुनौती दी है. उन्होनें कहा है कि यह FIR रजिस्टर करना पटना पुलिस के क्षेत्रधिकार के बाहर था और इसपर अनुसंधान करना उनका अधिकार नहीं है.
इसी संबंध में बिहार सरकार ने कॉपी फाइल किया है और उस याचिका का विरोध कर रही है. सुशांत सिंह के पिता ने जब गुहार लगाई कि उन्हें मुंबई पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं है और उन्हें न्याय मिले, तो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट के टॉप लॉयर मुकुल रोहतगी को बिहार सरकार द्वारा लगाया गया है.
बिहार सरकार का जो यह एफआईआर यहां दायर हुआ उसके अनुसार इस केस की जांच करना बिहार पुलिस के क्षेत्रधिकार में है. मुम्बई पुलिस के सहयोग नहीं करने के संबंध में उन्होंने कहा कि मुझे भी जानकारी मिली है. ऐसा प्रोटोकॉल रहा है कि अगर एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जाती है तो उन्हें राज्य द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जाता है, परंतु पटना पुलिस को अपेक्षा अनुसार सहयोग नहीं मिल रहा है. फिर भी बिहार पुलिस केस को सही जांच कर सच्चाई को धरातल पर ले आएगी.
वहीं मुम्बई में भी मामले में एफआईआर दर्ज होने के संबंध में ललित ने कहा कि ये जो भी अटकलें लगा रहे हैं, ऐसा कुछ नहीं है. अभी तक पहला एफआईआर राजीव नगर थाने में दर्ज हुई है, वहां कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है, बस एक अननेचुरल डेथ का मामला दर्ज है.