पटना: सुशांत सिंह आत्महत्या मामले की जांच करने मुम्बई गई बिहार पुलिस की टीम को लीड करने पहुंचे आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को BMC के अधिकारियों द्वारा जबसदस्ती क्वारंटीन करने की घटना का बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय लगातार कड़ी शब्दों में निंदा कर रहे हैं. BMC अधिकारियों की इस हरकत पर डीजीपी कई सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है, " आखिर क्या वजह है जो मुम्बई पुलिस हमें हमारा काम नहीं करने दे रही है? "


डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा, " मेरी व्यक्तिगत लड़ाई किसी से नहीं है, हम किसी को फंसाना नहीं चाहते. लेकिन सुशांत की मौत के रहस्य को रहस्य नहीं रहने देंगे, ये बिहार पुलिस का संकल्प है. हमने बहुत मर्यादा में कल तक बोला है, लेकिन अब हम कब तक चुप बैठ सकते हैं. आप हमारे अफसर को हाउस अरेस्ट कर लीजिएगा तो हमसे क्या उम्मीद करते हैं कि हम कुछ नहीं बोलें? इतना अपमान सह कर नौकरी करने की क्या जरूरत है? "


उन्होंने कहा, " जिस तरह बिहार के आईपीएस के साथ व्यवहार किया गया वह दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर इन्हें नोटिस देना ही था तो ये सुबह भी जा सकते थे. सुबह जाकर एक नोटिस देते कि ये नियम है, आपको निकलना नहीं है. लेकिन रात को 12 बजे जाकर हाथ पर ठप्पा मारकर कहते हैं कि आप नहीं जा सकते ये क्या है? आप वहां की गाइडलाइन देखें किसको क्वारंटीन करना है. सौ विमान मुंबई में प्रतिदिन लैंड कर रहे हैं और एक विमान में सौ से डेढ़ सौ पैसेंजर होते हैं. इस तरह रोजाना 20 हजार लोगों का ट्रैफिक है, उनलोगों को क्वारंटीन क्यूं नहीं कर रही मुंबई पुलिस.


उन्होंने पूछा, " हमारे ही टीम के चार आदमी गए थे, क्या उनको क्वारंटीन किया गया? विनय तिवारी गए आपको चिठ्ठी लिखकर जानकारी दी गई, आपसे गाड़ी के लिए भी अनुरोध किया गया कि अनुसंधान करने जा रहे हैं, वहां जो टीम गई है, उसे लीड करने जा रहे हैं और आप बाद में इसपर झूठा सफाई दे रहे हैं. उन्हें कमरा तक नहीं दिया. जब अपनी व्यवस्था से कहीं ठहर गए तो आप जानकारी प्राप्त कर रहे हैं पटना के सीनियर एसपी से कि आपका ऑफिसर कहां ठहरा है और फिर BMC के अधिकारी रात के ग्यारह बजे अचानक धमक जाते हैं और उन्हें कोरेंटिंन कर देते हैं."


गुप्तेश्वर ने बताया, " आईजी पटना जोनल ने BMC को भी पत्र लिखा है कि ये गलत है, गैरकानूनी है आप ऐसा नहीं कर सकते. हमने फोन किया था पर बात नहीं हुई. डीजीपी से वहां के या कमिश्नर से यहां किसी की किसी से बात नहीं हो रही पूरा कम्युनिकेशन चैनल ही बंद है."


उन्होंने कहा, " ये तो हमें काम ही नहीं करने दे रहे हैं. चार दिन के काम में ही ये छटपटा गए. इस तरह जांच आगे नहीं बढ़ पाएगी और वो खुद कह रहे हैं कि नहीं करने देंगे. पुलिस सभी जगह की एक है, किसी का कैडर महाराष्ट्र है, किसी का बिहार है पर इससे पूरे देश में संदेश क्या जा रहा है. सबको लग रहा है कि कुछ गड़बड़ है. आखिर क्यों कर रहे हैं मुंबई वाले ऐसे इसका जवाब वो दे और इसका भी कि उन्होंने इस 50 दिनों में क्या जांच किया है."