पटना: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सोमवार को कहा कि उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के मामले में कांग्रेस (Congress) दोहरा रवैया अपना रही है. संसद में चर्चा करने के बजाय सदन को बाधित कर रही है. "भारत जोड़ो यात्रा" के दौरान अडानी समूह पर अनर्गल आरोप लगाते रहे जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अडानी से सौर ऊर्जा क्षेत्र में 65000 करोड़ का निवेश कराने के लिए इसी अडानी समूह को कौड़ियों के भाव जमीन देने की घोषणा करते हैं. सुशील मोदी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर भी हमला बोला.
सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस ही नहीं बिहार में नीतीश कुमार और केरल में वाम मोर्चा सरकार भी अपने यहां पूंजी निवेश के लिए तो अडानी की आरती उतारते हैं, लेकिन जब इस समूह को बीजेपी शासित राज्य में कोई काम दिया जाता है, तब "देश बेच दिया" का शोर मचाया जाता है. अगर अडानी समूह में पेशेवर ईमानदारी की कमी है तो बिहार सरकार ने इंवेस्टर्स मीट में अडानी के प्रतिनिधि को क्यों आमंत्रित किया था? नीतीश कुमार ने उनसे निवेश की अपील क्यों की थी? तब क्या नीतीश कुमार बिहार को बेच रहे थे?
'केंद्र सरकार नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार'
अडानी समूह के मुद्दे पर सुशील कुमार मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है. राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर जो कुल 24 घंटे चर्चा के लिए तय हैं, उसमें विपक्ष कम से कम छह घंटे अडानी सहित किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रख सकता है, लेकिन विपक्ष की मंशा चर्चा की नहीं, केवल हंगामा कर प्रचार पाने की है.
आगे सुशील मोदी ने कहा कि अडानी मामले में न सरकार की कोई भूमिका है और न इस समूह को कोई रियायत देने या पक्षपात करने का प्रमाण सामने आया है. विपक्ष का अभियान दुराग्रह और दोहरेपन से संचालित है. भारतीय स्टेट बैंक ने साफ कर दिया है कि अडानी समूह को जो भी कर्ज दिए गए हैं उसके एवज में आर्थिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की गई है.
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