पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मंगलवार (4 जुलाई) को नौकरी के बदले जमीन मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर दायर चार्जशीट को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को चैलेंज किया. कहा कि क्या अब नीतीश कुमार डिप्टी सीएम तेजस्वी से इस्तीफा लेने की हिम्मत दिखाएंगे?


बीजेपी में नीतीश के लिए दरवाजे बंद


सुशील मोदी ने कहा कि 2017 में जब भ्रष्टाचार के मामले की प्राथमिकी और जांच में तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम आया था तब मुख्यमंत्री ने बिंदुवार जवाब मांगा था. अकेले में उनसे बात की थी. संतुष्ट न होने पर महागठबंधन सरकार का इस्तीफा सौंप दिया था. उस समय बीजेपी के बिना शर्त समर्थन देने से उनकी कुर्सी बच गई. अब उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो चुके हैं, इसलिए नीतीश कुमार ने लालू परिवार के भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है.


नौकरी के बदले जमीन मामले पर बीजेपी नेता ने कहा कि 2007 में जेडीयू के ललन सिंह ने ही लालू प्रसाद के विरुद्ध सीबीआई जांच की मांग करते हुए मनमोहन सिंह को ज्ञापन सौंपा था. ललन सिंह के ज्ञापन और उनके ही उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के आधार पर जब जांच आगे बढ़ रही है तब ललन सिंह आरजेडी से दोस्ती होने के कारण पलट कर सीबीआई और केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. दोस्त बदल लेने से सच नहीं बदल जाता.


सुशील मोदी बोले- तेजस्वी को देना चाहिए जवाब


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जिन लोगों की करोड़ों रुपये की कीमती जमीन एके इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवाई गई, उस कंपनी को मात्र एक लाख रुपये में तेजस्वी ने कैसे खरीद लिया? रेलवे में ग्रेड-4 की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने अपनी 70 लाख की जमीन तत्कालीन रेल मंत्री की बेटी हेमा यादव को दान क्यों की? तेजस्वी यादव को राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय ऐसे सवालों का बिंदुवार जवाब देना चाहिए.


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