पटना: भागलपुर पुल मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा. इसको लेकर जमकर राजनीतिक बयानबाजी भी हुई. बीजेपी लगातार इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार को घेर रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एक हिस्सा गिरने की घटना पर सरकार जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करे. पुल हादसे के बाद लगभग महीने-भर में क्या जांच-पड़ताल और कार्रवाई हुई? इस पर सीएम नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए. पुल का डिजाइन बनाने वाली विदेशी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?


नीतीश सरकार से पूछे कई सवाल


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पुल का हिस्सा ढहने के बाद जिस उप-मुख्य अभियंता को परियोजना से हटाया गया था, उसे पुल निर्माण निगम का प्रबंध निदेशक क्यों बना दिया गया? पिछले साल अगुवानी पुल का पाया धंसने की पहली घटना के बाद जिस कार्यपालक अभियंता को हटाया गया था, उसे पांच जून को दोबारा पुल का हिस्सा ढहने के बाद वापस बुला कर नया सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर क्यों बनाया गया?


पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है- सुशील कुमार मोदी


बीजेपी नेता ने कहा कि आईआईटी-रुड़की की विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट का क्या हुआ? उस पर क्या कार्रवाई हुई? पुल हादसे के बाद पथ निर्माण विभाग के अवर मुख्य सचिव के नेतृत्व में जो जांच शुरू हुई थी, वह कहां तक पहुंची, यह भी कोई बताने को तैयार नहीं. 1710 करोड़ से बनने वाले जिस पुल का शिलान्यास नीतीश कुमार ने किया था, वह बनने से पहले दो बार ढह गया, लेकिन किसी की भी जिम्मेदारी और सजा तय किए बिना पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है. यह भ्रष्टचार से समझौता नहीं, तो क्या है?


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