पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने एक बार फिर महागठबंधन की सरकार को लेकर बड़ा दावा किया है. कहा है कि जेडीयू और आरजेडी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मंगलवार (16 जनवरी) को बयान जारी करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि डील की कील चुभने लगी है. कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 78 विधायकों की पार्टी आरजेडी की कृपा पर मुख्यमंत्री हैं. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जब चाहें उन्हें हटाकर अपने बेटे को मुख्यमंत्री बना सकते हैं. दोनों के बीच डील भी यही हुई थी.
आगे बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार इस बार मकर संक्रांति पर लालू-राबड़ी आवास गए, लेकिन वहां केवल सात मिनट रुके. लालू प्रसाद ने उनसे दूरी बनाई और दही का टीका भी नहीं लगाया. दोनों दलों के बीच सब-कुछ ठीक नहीं है. कार्यकर्ताओं का मनोबल न टूटे इसलिए जेडीयू के मंत्री नीतीश कुमार को "बिहार का भविष्य" बता रहे हैं, जबकि स्वयं मुख्यमंत्री बिहार का भविष्य (उत्तराधिकारी) तेजस्वी यादव को बता चुके हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2020 में नीतीश कुमार 75 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे, जबकि उनकी पार्टी के पास सिर्फ 44 विधायक थे. वे पहली बार 2001 में भी 67 विधायकों वाली बीजेपी की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे. उस समय उनकी पार्टी के 37 विधायक थे.
कहां से उठी आशीर्वाद वाली बात?
बता दें कि मकर संक्रांति पर सोमवार को नीतीश कुमार राबड़ी आवास गए थे. वहां से 10 मिनट के अंदर ही वह निकल गए थे. पैदल ही पहुंचे थे जिसको लेकर खूब बयानबाजी भी हुई थी. इसी दौरान पत्रकारों से बातचीत में आरजेडी के विधायक ने सवालों के जवाब में यह कह दिया कि नीतीश कुमार लालू के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने हैं. अब इसी बयान को लेकर सुशील कुमार मोदी ने तंज कसा है और आरजेडी और जेडीयू पर हमला बोला है.
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