पटना: राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi)ने रविवार को कहा कि अपने बल पर लगातार मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) न कभी विपक्षी एकता की मुहिम में शामिल हुए, न कभी उन्होंने राष्ट्रीय महत्वांकाक्षा के लिए उड़ीसा के प्रति अपना समर्पण कम किया, उनसे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मिलने-जुलने का कोई असर नहीं होगा. बीजेपी और कांग्रेस (BJP-Congress) से समान दूरी रखने वाले नवीन पटनायक को बीजेपी-विरोधी मुहिम में शामिल करने के शरद पवार (Sharad Pawar) और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के प्रयास जब सफल नहीं हुए, तब नीतीश कुमार भी कोशिश कर के देख लें. ममता बनर्जी पहले ही पटनायक से मिल चुकी हैं.


विपक्ष का नेता बनने के लिए होड़ लगी है- सुशील मोदी 


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष का नेता बनने के लिए शरद पवार, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार में होड़ लगी है, जबकि अपने गृह-राज्य में सबसे कमजोर जनाधार नीतीश कुमार का है. मुख्यमंत्री यदि विपक्षी एकता के गैर-सरकारी कार्य से यात्रा कर रहे हैं, तो उन्हें बिहार सरकार के संसाधनों का नहीं, बल्कि महागठबंधन के फंड से विमान आदि की व्यवस्था करनी चाहिए.


'यूपी में निकाय चुनाव में भी विपक्षी एकता नहीं दिखती'


बीजेपी नेता ने कहा कि इस समय कर्नाटक में विधान सभा चुनाव हो रहा है, लेकिन नीतीश कुमार दो विपक्षी दलों, कांग्रेस और जनता दल-एस में एकता क्यों नहीं करा पाए? जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के पूर्व पीएम देवेगौड़ा से मिलने का क्या कोई असर हुआ? पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस को नीतीश कुमार साथ आने को राजी नहीं कर पाए. वे यूपी में अखिलेख यादव और मायावती में भी दोस्ती नहीं करा पाए. यूपी में निकाय चुनाव चल रहे हैं और वहां भी विपक्षी एकता कहीं जमीन पर नहीं दिखती.


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