पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) मंगलवार की सुबह थावे मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान तेज बारिश हो रही थी. इस बीच हथुआ के एसडीपीओ अनुराग कुमार का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो खुद लालू को बारिश से बचाने के लिए हाथ में छाता लेकर चल रहे हैं. इस वीडियो पर सियासत शुरू हो गई है. इस पर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को ट्वीट लालू यादव पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि 'लालू यादव जब मुख्यमंत्री थे तब आईएएस अधिकारी उनका थूकदान उठाया करते थे, अब तो गनीमत है कि एसडीपीओ साहब लालू के लिए छाता उठाकर चल रहे हैं. नीतीश कुमार का यही सुशासन है? नीतीश कुमार ऐसे एसडीपीओ पर कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएंगे?'


'आइएएस अफसर से अपना पीकदान उठवाते थे'


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार में हिम्मत हो तो उन्हें  फुलवरिया में लालू प्रसाद के मंदिर जाने के समय उन पर छाता लगाने वाले एसडीपीओ को लोकसेवक आचार संहिता का उल्लंघन करने के कारण निलंबित करना चाहिए. वे बताएं कि उक्त अधिकारी ने किसके आदेश पर अपने अनुमंडल से बाहर जाकर लालू प्रसाद की ऐसी सेवा की? लालू प्रसाद जब मुख्यमंत्री थे, तब आइएएस अफसर से अपना पीकदान उठवाते थे. यदि आरजेडी सत्ता में रहा तो बिहार में डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को भी लालू प्रसाद या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का पीकदान उठाना पड़ सकता है.


लालू और बालू का रिश्ता काफी पुराना है- सुशील कुमार मोदी


बीजेपी नेता ने कहा कि लालू प्रसाद किसी संवैधानिक पद पर नहीं, बल्कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता और जमानत पर हैं, फिर भी उनकी निजी यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन आरजेडी प्रमुख की सेवा में नतमस्तक रहा. लालू प्रसाद के साथ फुलवरिया में बालू माफिया सुभाष यादव भी था. छाता लगाने वाला एसडीपीओ उनका करीबी रिश्तेदार बताया जाता है. इसी सुभाष यादव ने एक ही दिन में राबड़ी देवी के चार फ्लैट खरीद लिए थे. सुभाष के यहां आयकर का छापा पड़ने पर करोड़ों रुपये की अवैध सम्पत्ति का पता चला था. लालू और बालू का रिश्ता काफी पुराना है, इसलिए नीतीश सरकार बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकती है.


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