Land For Job Scam: लालू परिवार पर कैसे कसता जा रहा ईडी का शिकंजा? 'AK' को लेकर सुशील कुमार मोदी का बड़ा खुलासा
Sushil Kumar Modi: सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को बयान जारी किया. भ्रष्टाचार को लेकर सवाल करते हुए नीतीश कुमार से पूछा कि अपने डिप्टी सीएम को कब तक बचा पाएंगे?
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पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सोमवार (13 नवंबर) को बयान जारी करते हुए दावा किया है कि अमित कात्याल की गिरफ्तारी (एके) के बाद से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और उनके परिवार पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. सुशील मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार से समझौता कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपने डिप्टी सीएम को कब तक बचा पाएंगे?
सुशील मोदी ने कहा कि रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद से लालू परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. बताया कि ये वही अमित कात्याल (एके) हैं जिन्होंने राबड़ी देवी की सरकार के समय बिहटा में शराब की फैक्ट्री लगाई थी. बदले में अपनी कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के सारे शेयर को मात्र एक लाख में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को बेच दिया था.
'9.5 लाख रुपये की भेंट की गाड़ी'
आगे बीजेपी नेता ने अपने बयान में कहा कि शेयर खरीदने के बाद तेजस्वी यादव कंपनी के डायरेक्टर बन गए. दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित 150 करोड़ के मकान (डी-1088) के मालिक भी बन गए. अमित कात्याल ने 2010 में तेजस्वी यादव को 9.5 लाख की गाड़ी भेंट की थी. कात्याल ने तेजस्वी को 30 लाख और तेज प्रताप यादव को 55 लाख रुपये कर्ज भी दिए, जिसे बाद में माफ (राइट ऑफ) कर दिया गया.
सुशील मोदी ने कहा कि लालू-तेजस्वी परिवार पर फिदा अमित कात्याल के दिल्ली और पटना के परिसरों पर ईडी ने मार्च 2023 में छापा मारा था. अवैध लेनदेन और धन-शोधन संबंधी प्रमाण मिले थे. यूपीए-1 के दौरान लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. उस समय रेलवे में बिहार के जिन लोगों को ग्रुप-डी की नौकरी मिली, उन्होंने अपनी-अपनी जमीनें एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम ट्रांसफर कर दी, जिसके मालिक तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी हैं.
नीतीश कुमार को मांगना चाहिए जवाब: सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बंद पड़ी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने पटना-दानापुर सर्किल में 21 भूखंड (221 डिस्मल) 2 .16 करोड़ रुपये में खरीदे. इसके लिए पैसे कात्याल ने दिए, मालिक बने तेजस्वी यादव. सत्ता के दुरुपयोग और आर्थिक भ्रष्टाचार के इतने गंभीर मामले में जब केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं तब नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से बिंदुवार जवाब मांगना चाहिए.
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