पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) के आप्त सचिव की ओर से जारी पीत पत्र को लेकर दो दिनों से बवाल मचा है. गुरुवार (6 जुलाई) को ही इस मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने हस्तक्षेप भी किया. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सीएम आवास पर गए थे. अब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का बड़ा बयान आया है.


गुरुवार (6 जुलाई) को सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो दिन की बरसात से शहरी इलाके में लोग जलजमाव झेल रहे हैं, दरभंगा मेडिकल कालेज बंद कर दिया गया. मरीज नाव से अस्पताल पहुंच रहे हैं और डिप्टी सीएम तथा कई विभागों के मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव एक महीने से विदेश में राहुल गांधी की तरह छुट्टियां मना रहे हैं. गरीबों के मसीहा होने का नाटक करने वालों को बिहार की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही है. वे विदेश से ट्वीट कर रहे हैं और अब सीधे 10 जुलाई को विधान सभा सत्र के समय सदन में प्रकट होंगे.


'एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले'


सुशील मोदी ने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव डीफैक्टो मुख्यमंत्री हैं, इसलिए नीतीश कुमार किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. वे मंत्री-अफसर टकराव के मूकदर्शक बने हुए हैं. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभागीय अवर सचिव एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले हैं.


मंत्री के आप्त सचिव को शिक्षा विभाग में घुसने पर पाबंदी लगा दी गई और उनकी डॉक्टरेट डिग्री पर सवाल उठा दिए गए. उन्होंने कहा कि इतने अपमान के बाद तो शिक्षा मंत्री को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण और स्वास्थ्य जैसे बड़े विभाग तेजस्वी यादव से संभल नहीं रहे हैं. उनकी एकमात्र योग्यता लालू-राबड़ी का पुत्र होना है.


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