Bihar Politics: सुशील मोदी की बात मान गई नीतीश सरकार तो 'सेलेक्टेड' लोगों तक बिहार में पहुंचेगी शराब, BJP नेता की बड़ी मांग
Bihar Politics: सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा है कि शराबबंदी संबंधी मुकदमे वापस लेने से जहां दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के लाखों गरीबों को राहत मिलेगी, वहीं अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा.
पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्ससभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार (1 जून) को बड़ा बयान दिया है. सुशील मोदी ने नीतीश सरकार से बड़ी मांग कर दी है. बीजेपी नेता ने कहा कि पूर्ण मद्यनिषेध कानून को छह साल में जब इतना शिथिल कर दिया गया कि यह बेअसर हो चुका है, तब राज्य सरकार को शराबबंदी संबंधी चार लाख से ज्यादा मुकदमों को वापस लेते हुए आम माफी का एलान भी कर देना चाहिए.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराबबंदी संबंधी मुकदमे वापस लेने से जहां दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के लाखों गरीबों को राहत मिलेगी, वहीं अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा. शराबखोरी के चलते जो लोग पहली बार जेल गए, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. पहले शराब पाई जाने पर वाहन जब्त करने का नियम था, फिर इसे शिथिल करते हुए वाहन बीमा राशि का 50 फीसद जुर्माने के तौर पर भरकर वाहन छोड़ने का नियम बना. अब बीमा राशि का मात्र 10 फीसद जमा कर शराब ले जाते पकड़ा गया वाहन छुड़ाया जा सकता है.
'सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने में विफल'
नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नियमों में लगातार नरमी से भी साफ है कि राज्य सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने में विफल है. 2016 में एक बोतल शराब मिलने पर मकान और वाहन जब्त करने का कानून था. आज शराब माफिया के दबाव में मामूली जुर्माना लगाने पर आ गए.
किसे दी जाए शराब में छूट?
बीजेपी नेता ने कहा कि अब बिहार में गुजरात की तरह परमिट व्यवस्था लागू करनी चाहिए, ताकि बीमार लोगों को मेडिकल ग्राउंड पर और पर्यटकों के लिए सीमित मात्रा में शराब की आपूर्ति आसान हो सके. उन्होंने कहा कि यदि अपनी जिद छोड़ कर नीतीश कुमार शराब की परमिट व्यवस्था लागू करें, तो राजस्व बढ़ेगा, तस्करी पर अंकुश लगेगा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.