पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने आरजेडी के दो बड़े नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग की है. मंगलवार (2 मई) की शाम बयान जारी बीजेपी नेता ने कहा कि संत धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) और ब्राह्मणों पर टिप्पणी करने से पहले आरजेडी (RJD) को नफरती बयानों के सूरमा जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) और प्रोफेसर चंद्रशेखर (Chandrashekhar) के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.


सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने जब राम मंदिर को "नफरत की जमीन पर बनने वाला" धर्मस्थल कहा, तब क्या वह करोड़ों राम-भक्तों के प्रति नफरत और द्वेष से भरा बयान नहीं था? लालू प्रसाद ने मौन रह कर इस बयान का समर्थन किनका वोट पाने के लिए किया था?


एम-वाई समीकरण को लेकर बोला हमला


इस दौरान बीजेपी नेता ने आरजेडी पर एम-वाई समीकरण का आरोप लगाते हुए हमला बोला. कहा कि सत्ता में लौटते ही आरजेडी एक तरफ हिंदू संस्कृति, राम मंदिर, रामचरित मानस, धीरेंद्र शास्त्री जैसे संतों और ब्राह्मणों पर अमर्यादित टिप्पणी कर रहा है, तो दूसरी तरफ एम-वाई समीकरण के दुर्दांत अपराधियों तक को जेल से रिहा करवा रहा है. आरजेडी के मंत्रियों-पदाधिकारियों में यदि हिम्मत है, तो वे इस्लाम और ईसाई पंथ के प्रचारकों पर भी टिप्पणी करें.


उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन के एक एमएलसी ने पूरे देश को कर्बला (युद्ध भूमि) बना देने की धमकी दी, तब क्या यह नफरती बयान नहीं था? आरजेडी ने उस बयान की निंदा करने का भी साहस नहीं दिखाया. कहा कि जब भ्रष्टाचार के कारण आरजेडी सत्ता से बाहर होता है, तब इन्हें हवन-पूजन, मंदिर, काशी-वृन्दावन और ब्राह्मणों की याद आती है, लेकिन सत्ता मिलते ही ये लोग अहंकार में आकर ब्राह्मणों को विदेशी बताने लगते हैं. यदि आरजेडी ए टू जेड की पार्टी है, तो हाल में जिन पदाधिकारियों की घोषणा हुई, उनमें एक भी ब्राह्मण क्यों नहीं है?


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