Bihar Politics: कृषि मंत्री सुधाकर सिंह से जेल के बाहर क्यों मिले थे सुशील कुमार मोदी? ट्वीट कर दिया जवाब
Sushil Kumar Modi Statement on Sudhakar Singh: सुशील कुमार मोदी ने बीते रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया था. आज सोमवार को एक बार फिर उन्होंने ट्वीट किया है.
पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार पर लगे आरोपों को लेकर बीजेपी (BJP) लगातार हमला कर रही है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कई बयान दिए हैं. बीते रविवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया था. पीसी में उन्होंने सीधे-सीधे बिहार सरकार (Bihar Government) के नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर हमला किया था. चावल घोटाले के मामले में उन्होंने सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) को लेकर कई बातें कहीं. वहीं सोमवार को भी सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट किया है.
इस ट्वीट में सुशील कुमार मोदी ने सुधाकर सिंह से जेल के बाहर मिलने के बारे में बताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- "मैं सुधाकर सिंह को समझाने गया था भभुआ जेल गेट पर कि सरकारी पैसा जमा कर देना चाहिए. परंतु वे माने नहीं. अब वे नीतीश जी की नीतियों का ही विरोध कर रहे हैं. उन्हें सरकारी 12 करोड़ तुरंत जमा कर देना चाहिए. अपनी ही सरकार से लड़ना है तो पहले इस्तीफा दें."
मैं सुधाकर सिंह को समझाने गया था भभुआ जेल गेट पर की सरकारी पैसा जमा कर देना चाहिए ।परंतु वे माने नहीं।अब वे नीतीशजी की नीतियों का ही विरोध कर रहे हैं।उन्हें सरकारी १२ करोड़ तुरंत जमा कर देना चाहिए ।अपनी ही सरकार से लड़ना है तो पहले इस्तीफ़ा दें ।@ANI
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 22, 2022
सुधाकर सिंह पर 12 करोड़ से अधिक बकाया
बता दें कि बीते रविवार को ही पीसी कर सुशील मोदी ने कहा था कि 2013 में राज्य खाद्य निगम (कैमूर) की ओर से सुधाकर सिंह पर रामगढ़ थाने में धारा 420, 406 के तहत प्राथमिकी 184/13 दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में आरोप था कि सुधाकर सिंह द्वारा कुल 5 करोड़ 31 लाख रुपया का गबन किया गया है जो कि राज्य सरकार की संपत्ति है. इस मामले में पटना हाई कोर्ट द्वारा सुधाकर सिंह द्वारा 60 लाख रुपया जमा करने के उपरांत बेल पर रिहा किया. सुधाकर सिंह के यहां अभी भी राज्य सरकार का 5 करोड़ 31 लाख एवं ब्याज सहित करीब 12 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. यह 12 करोड़ की राशि अभी भी वसूलनीय है एवं इस राशि पर किसी भी कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है.