पटना: अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के छह विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराने के बाद बिहार में बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. इसका जिम्मा खुद राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सासंद सुशील कुमार मोदी ने उठा लिया है. मोदी ने कहा है कि बिहार के अंदर बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन अटूट है. अरुणाचल में जो हुआ उसका असर बिहार के गठबंधन पर नहीं होगा.


सुशील मोदी ने कहा, ''जेडीयू के लोगों ने कहा है कि अरुणाचल में जो हुआ उसका असर बिहार के गठबंधन पर नहीं होगा, बिहार के अंदर भाजपा-जदयू का गठबंधन अटूट है. पूरे पांच साल नीतीश जी के नेतृत्व में सरकार काम करेगी.''


इससे पहले जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा था कि अरुणाचल की घटना से हमारा दल आहत है. अरुणाचल में गठबंधन धर्म के खिलाफ काम हुआ है. लेकिन बिहार में अरुणाचल के दल बदल का कोई असर नहीं होगा. जैसे तीन लोक से न्यारी काशी, वैसे ही बिहार है, कोई फर्क नहीं पड़ेगा.


मालूम हो कि पिछले साल अप्रैल माह में सम्पन्न हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 15 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन अब इन सात विधायकों में से 6 भाजपा में शामिल हो गए हैं. भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों का नाम तलेम तबोह, जिक्के ताको, हयेंग मंगफी, दोर्जी वांग्डी खर्मा, डोयू सिंयोग्जु और कांगोगताकू है. गौरतलब है कि 60 विधानसभा सीटों वाले अरुणाचल प्रदेश में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की थी.


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