पटनाः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) द्वारा भोजपुरी और मगही को लेकर दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नाराजगी जताई है. उनकी ओर से दिए गए इस बयान को लेकर बिहार में विरोध जारी है. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से सवाल पूछा है.


सुशील कुमार मोदी ने लिखा, “झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने मगही-भोजपुरी के विरुद्ध बोलकर जो भाषाई असहिष्णुता प्रकट की, वह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए सर्वथा अनुचित, अशोभनीय और निंदनीय है. ऐसी शर्मनाक टिप्पणी के लिए हिंदी दिवस को चुनना बिहार और सभी हिंदी प्रेमियों का अपमान है. भोजपुरी बोलकर वोट लेने वाले लालू प्रसाद बताएं कि क्या वे हेमंत सोरेन के बयान का समर्थन करते हैं? सोरेन सरकार में शामिल कांग्रेस और राजद को भाषा के सवाल पर अपना रुख साफ करना चाहिए.”


हिंदी को आधिकारिक राजभाषा के रूप में स्वीकार किया


सुशील मोदी ने आगे लिखा, “संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी में भाषण किया और वर्ष 2014 से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में संवाद कर राष्ट्रभाषा का मान बढ़ा रहे हैं. बिहार पहला राज्य है, जिसने सभी भाषाओं-बोलियों को साथ लेकर चलने वाली हिंदी को आधिकारिक राजभाषा के रूप में स्वीकार किया.”


हेमंत सोरेन ने दिया था यह बयान


बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोगों को डॉमिनेटिंग नेचर यानी वर्चस्‍व चाहने वाला बताया था. कहा था कि झारखंड के आंदोलन के वक्‍त भोजपुरी में गालियां दी जाती थीं. इन दोनों भाषाओं का झारखंड के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. ये बिहार की भाषाएं हैं.



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