पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जब-जब बिहार में अपहरण- हत्या वाले डरावने दौर के महाबली लालू प्रसाद से हाथ मिलाया, तब-तब निवेशकों का भरोसा टूटा. राज्य की कानून-व्यवस्था और उद्यमियों के प्रति शासन के रवैये को लेकर जो भरोसा लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से हाथ मिलाने से खत्म हुआ, उसे चंद निवेशकों से जबरन हाथ उठवा कर लौटाया नहीं जा सकता. किसकी हिम्मत है कि मुख्यमंत्री के सामने उनके कहने पर हाथ नहीं उठाए?


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सत्ता का रिमोट कंट्रोल लालू प्रसाद के हाथ जाते ही देश भर के उद्यमियों का वह विश्वास समाप्त हो गया, जो एनडीए सरकार के उद्योग मंत्री के रूप में शाहनवाज हुसैन ने बड़ी मेहनत से बनाया था. 2006 में जिन 400 से ज्यादा लोगों ने सरकार में बीजेपी के होने पर भरोसा कर बिहार में निवेश किया था उनका 600 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया नहीं चुकाया गया.






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सुशील मोदी ने कहा कि निवेशकों ने सब्सिडी और अनुदान का बकाया पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ी, लेकिन अदालत में हार कर भी सरकार ने बकाया नहीं चुकाया. उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार 10 साल में 6 बार सरकार बदल चुके हैं, तब निवेशक उन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं?


लूटपाट और हत्या की घटनाएं बढ़ीं


कहा कि जब उद्योग विभाग के बजट में निवेशकों के लिए अनुदान नाम मात्र का है और उसे भी पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाने की नौबत आती हो, तब सरकार किसी का विश्वास कैसे जीत सकती है? महागठबंधन सरकार बनते ही व्यापारियों से लूटपाट और हत्या की घटनाएं बढीं. बाढ़ के एनटीपीसी परिसर में एक माह के भीतर दो बार फायरिंग की वारदात हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.


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