सुशील कुमार मोदी का बयान- किसानों को आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं, यह देश हित के खिलाफ
सुशील कुमार मोदी इसके पहले भी किसानों से आंदोलन समाप्त करने के लिए अपील कर चुके हैं. कहा था कि इस ऐतिहासिक पहल को किसी की जीत-हार के रूप में लेने की क्षुद्रता नहीं होनी चाहिए.
पटनाः बीजेपी नेता और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा तीनों नए कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद दिल्ली में किसान आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है. जब प्रधानमंत्री ने बिना शर्त कृषि कानून निरस्त करने की उदारता दिखाई है, तब उन पर भरोसा किया जाना चाहिए.
आंदोलन जारी रखना देश हित में नहीं: सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के साथ प्रधानमंत्री ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दे पर विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी घोषणा की है. समिति में किसान प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे. जिन बातों की घोषणा हो चुकी और जिन मुद्दों के समाधान के लिए सरकार मैकेनिज्म विकसित करने को राजी है, उसके लिए आंदोलन जारी रखना देश हित में नहीं है.
‘एमएसपी को खत्म करने की अफवाह फैलाई गई’
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने छोटे-सीमांत किसानों के हित में बीज, बाजार, फसल बीमा और बचत-आमदनी जैसे चार मुद्दों पर पांच साल में बड़े कदम उठाए. जिस एमएसपी को खत्म करने की अफवाह फैलाई गई, उसे 40 से 60 फीसद की वृद्धि के साथ और मजबूत किया गया. बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर इस साल गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हुई. किसान आंदोलन के नेताओं को विपक्ष के बहकावे में नहीं आना चाहिए.
बता दें कि इसके पहले भी सुशील कुमार मोदी किसानों से अपील कर चुके हैं कि आंदोलनकारियों को अपना हठ छोड़कर बिना शर्त धरना समाप्त कर घर लौटना चाहिए. इस ऐतिहासिक पहल को किसी की जीत-हार के रूप में लेने की क्षुद्रता नहीं होनी चाहिए. संसद से पारित कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़प्पन दिखाया है.
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