पटना: बिहार में लागू शराबबंदी को लेकर सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने नीतीश सरकार (Nitish Government) को घेरा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार (21 नवंबर) को बयान जारी कर कहा कि सीतामढ़ी और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत ने फिर साबित किया कि राज्य सरकार पूर्ण मद्य निषेध की नीति लागू करने में पूरी तरह विफल है.


'मुआवजा न देना पड़े इसलिए बता रहे अज्ञात बीमारी'


सुशील मोदी ने कहा कि छठ पर्व पर हुई इस त्रासदी के बाद सरकार को अब मृतक आश्रितों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने में पहले की तरह हीलाहवाली नहीं करनी चाहिए. पुलिस प्रशासन एक तरफ शराब माफिया की मदद कर अकूत कमाई कर रहा है और दूसरी ओर जहरीली शराब से मौत छिपाने के लिए रिकॉर्ड में "अज्ञात बीमारी से मृत्यु" दर्ज कर रहा है ताकि आश्रितों को मुआवजा न मिल सके.


सीतामढ़ी और गोपालगंज में हुई मौतों पर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हर साल जहरीली शराब से लोगों के मरने की एक दर्जन से ज्यादा घटनाओं के बावजूद नीतीश कुमार शराब नीति की समीक्षा न करने पर अड़े हैं. सीतामढ़ी में जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस के डर से कुछ शवों को बिना पोस्टमार्टम के जला दिया गया. इस साल के दस महीनों में 8.67 लाख लीटर शराब जब्त दिखाई गई, जबकि इससे दस गुना अधिक शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है.


शराबबंदी में शराब की सप्लाई पर उठाए सवाल


आगे बीजेपी सांसद ने कहा कि राज्य में प्रतिबंधित शराब अब केवल दो-पहिया-चार पहिया वाहनों से ही नहीं, बड़े ट्रक और कंटेनरों से भी पहुंचाई जा रही है. पुलिस ने 226 ट्रक शराब और 123 चार-पहिया वाहन जब्त किए हैं. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में शराब की होम डिलिवरी और राजधानी पटना में सरकार की नाक के नीचे पान की गुमटी तक पर शराब उपलब्ध होना क्या पर्याप्त और सुरक्षित सप्लाई चेन के बिना संभव है?


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस के निचले स्तर के चंद अधिकारियों को निलंबित करना केवल दिखावा है. यदि सरकार में हिम्मत हो तो शराब माफिया के सरगना और उनके राजनीतिक गॉड फादर पर कड़ी कार्रवाई करे.


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