पटना: ओडिशा में हुए रेल हादसे के बाद सियासत भी तेज है. रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग की जा रही है. रविवार (4 जून) को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि लालू प्रसाद (Lalu Prasad) के समय रेल दुर्घटनाओं में 973 लोगों की मौत हुई. गैसल रेल दुर्घटना के बाद तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने दो माह बाद होने वाले चुनाव में सहानुभूति पाने के लिए मंत्री-पद से इस्तीफा दिया था. 


सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह तत्कालीन रेल मंत्री के इस्तीफे को त्याग की कथा बना कर बालासोर रेल हादसे पर राजनीति कर रहे हैं. रेल मंत्री पद से इस्तीफा देने और चुनाव बीतने के बाद नीतीश कुमार अटल जी की सरकार में फिर मंत्री बन गए. बाद में रेल मंत्रालय का पदभार भी संभाल लिया.


दलित-प्रेम दिखाने के लिए मांझी को बनाया था सीएम


2014 की बात याद दिलाते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि संसदीय चुनाव में जेडीयू को जब बिहार की 40 में से सिर्फ दो सीटें मिली थीं, तब भी नैतिक जिम्मेदारी लेने का नाटक करते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया था. उन्होंने त्याग और दलित-प्रेम दिखाने के लिए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था.


बालासोर दुर्घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए


सुशील मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार बड़े त्यागी थे तो लालू प्रसाद की मदद से मात्र नौ माह बाद मांझी-सरकार क्यों गिराई गई थी? वे फिर खुद मुख्यमंत्री क्यों बन गए? जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे तब रेल दुर्घटनाओं में लगभग 1000 लोगों की मृत्यु हुई थी. उनके समय में आतंकियों ने मुंबई की ट्रेन में सीरियल धमाके कर 200 से ज्यादा लोगों की जान ली थी. उन्होंने कहा कि बालासोर दुर्घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और आरजेडी को किसी का इस्तीफा मांगने से पहले लालू प्रसाद के दौर की बड़ी रेल दुर्घटनाओं के दुखद पन्ने पलट लेने चाहिए.


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