पटना: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल गिरने के बाद जमकर राजनीति हो रही है. एक तरफ बीजेपी सीबीआई जांच की मांग कर रही है तो वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पलटवार करते हुए यह जवाब दिया है कि सीबीआई वाले इंजीनियर हैं क्या? अब पुल गिरने के मामले में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार (8 जून) को बयान जारी कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला है. यह भी बताया कि सीएम नीतीश कुमार किसे बचा रहे हैं.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पड़े सुल्तानगंज महासेतु का हिस्सा ढहने की बड़ी घटना के बाद निर्माण एजेंसी पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करने के बजाय उसे 15 दिन का नोटिस देकर सरकार उसे बचा रही है. इंजीनियर नीतीश कुमार बताएं कि जब नौ माह पहले इसी महासेतु का पाया ढह गया था, तब उनकी सरकार ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की?


देर से जांच रिपोर्ट देने वालों पर क्या कार्रवाई हुई?


इस घटना को लेकर सुशील मोदी ने यह भी कहा कि यदि उस समय सेतु निर्माण में लापरवाही पर नरम रुख अपनाते हुए एजेंसी को क्लीनचिट न दी गई होती, तो पुल के पाये ढहने की घटना दोबारा न होती. पहली बार पाया धंसने की जांच आईआईटी रुड़की को दी गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट ऐसी दूसरी घटना के बाद आई. इतनी देर से जांच रिपोर्ट देने वालों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की?


'नीतीश कुमार को लेनी चाहिए जिम्मेदारी'


सुशील मोदी ने कहा कि अगर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में गलती थी, तो इसे स्वीकृति देने वाले अभियंताओं पर क्या कार्रवाई हुई? पथ निर्माण मंत्री कोई हो, सारे काम की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री करते हैं और उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता. जब सड़क, पुल, महासेतु तक सारे निर्माणों का श्रेय इंजीनियर मुख्यमंत्री स्वयं लेते हैं, तो पुल ढहने की जिम्मेदारी भी उन्हें लेनी चाहिए.


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